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8th Pay Commission: परसों की सुबह कराएगी केन्द्रीय कर्मचारियों की बल्ले बल्ले ! बेसिक सैलरी में आएगा सीधा सीधा 25 हजार का उछाल 

7वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। इसके कारण ही उनकी न्यूनतम सैलरी सीधे ₹6000 से बढ़कर ₹18000 हो गई थी। फिटमेंट फैक्टर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में अहम भूमिका निभाता है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, कर्मचारियों की सैलरी भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से तय होती है।
 
8th Pay Commission

8th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। इसके कारण ही उनकी न्यूनतम सैलरी सीधे ₹6000 से बढ़कर ₹18000 हो गई थी। फिटमेंट फैक्टर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में अहम भूमिका निभाता है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, कर्मचारियों की सैलरी भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से तय होती है।

अब, जेसीएम के सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार को 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग करते हुए पत्र लिखा है। 8वें वेतन आयोग के गठन से लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस संदर्भ में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के संगठन ने एक प्रस्ताव भी तैयार करके दे दिया है।

8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के साथ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन को बढ़ाया जाएगा। जब भी वेतन आयोग का गठन होता है, महंगाई भत्ते को मर्ज कर दिया जाता है। DA मर्ज करने के बाद फिटमेंट फैक्टर का फॉर्मूला निकाला जाता है, जिसके आधार पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पे मैट्रिक्स तय की जाती है।

जब 7वां वेतन आयोग लागू किया गया था, तब फिटमेंट फैक्टर 3.68 करने की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर ही दिया। तब से 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है।

यदि 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाता है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। यह न केवल उनकी सैलरी में वृद्धि करेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाएगा। आगामी केंद्रीय बजट में इस पर सरकार का निर्णय क्या होगा, यह जानने के लिए सभी की नजरें 23 जुलाई पर टिकी हैं।