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उत्तर प्रदेश के शहरों में हरियाली का नया दौर शुरू !  योगी सरकार की 'उपवन' योजना' के पहले चरण पर खर्च होंगे 70 करोड़ 

उत्तर प्रदेश सरकार शहर की आबोहवा बदलने के लिए 'उपवन' योजना लेकर आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद योजना की नियमावली जारी कर दी गई. इस योजना के तहत सभी शहरी निकायों में मियावाकी वन और पार्क विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
 
Upvan scheme UP

Upvan scheme UP: उत्तर प्रदेश सरकार शहर की आबोहवा बदलने के लिए 'उपवन' योजना लेकर आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद योजना की नियमावली जारी कर दी गई. इस योजना के तहत सभी शहरी निकायों में मियावाकी वन और पार्क विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

बजट और वित्तीय सहायता

योजना के पहले चरण के लिए 70 करोड़ रुपये का प्रावधान।
CSR और विधायक-सांसद निधि से अतिरिक्त सहयोग।
नगर निगम को 1.50 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक की सहायता।
नगर पालिका को 50 लाख से 1.50 करोड़ रुपये तक की सहायता।
नगर पंचायत को 25 से 50 लाख रुपये तक की सहायता।

परियोजना विकास

नगर निगम में 3 मियावाकी फॉरेस्ट बन सकेंगे।
प्रत्येक नगर पालिका और नगर पंचायत में 1-1 पार्क।
कम से कम 1 एकड़ जमीन में फॉरेस्ट या पार्क विकसित किया जाएगा।

प्रक्रिया और निगरानी

डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को नगर आयुक्त द्वारा अंतिम स्वीकृति।
NBRI से हरी झंडी मिलने के बाद अंतिम मंजूरी।
नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए डीएम की अगुआई में कमिटी।
शहरी निकाय योजना की मॉनिटरिंग और सुविधाएं विकसित करेंगे।

जापानी पद्धति

कम जगह में घना जंगल विकसित करना।
झाड़ीदार, मध्यम आकार और बड़े पौधे लगाए जाएंगे।
स्थानीय जलवायु और मिट्टी के हिसाब से पौधों का चयन।
पानी के लिए स्प्रिंकल सिस्टम और लाइट्स।

सुविधाएं

बैठने के लिए बेंच, मिट्टी के वॉकिंग ट्रैक।
ओपन जिम और वेस्ट टु वंडर पार्क।
5% से अधिक निर्मित क्षेत्र नहीं, 95% ग्रीन कवर।
बाउंड्री वॉल सहित 20% से अधिक पक्का निर्माण नहीं।

'उपवन' योजना उत्तर प्रदेश के शहरों में हरियाली और जैव-विविधता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मियावाकी फॉरेस्ट और पार्क के माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों को एक सुंदर और स्वस्थ वातावरण भी मिलेगा। इस योजना से उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हरियाली का नया दौर शुरू होगा, जो पर्यावरण और पर्यटन दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।