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शिवांश ने 14 साल की कड़ी तपस्या के बाद तोड़ा यूपीएससी का तिलिस्म, हासिल की 63वीं रैंक

After 14 years of hard penance, Shivansh broke the magic of UPSC, achieved 63rd rank.
 
Shivansh UPSC TOPER
UPSC topper:बहादुरगढ़ के रहने वाले शिवांश ने यह साबित कर दिया कि अगर आप सच्ची लगन और मेहनत से दिन-रात मेहनत करते हैं तो ऐसी कोई मंजिल नहीं है जिसे आप छू नहीं सकते। शिवांश ने यूपीएससी के तिलिस्म को तोड़ने हेतु लगातार 14 वर्ष तक कड़ी मेहनत की। शिवांश ने अपने इन 14 वर्षों में कभी हार नहीं मानी और अंत में कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल को प्राप्त किया।

हरियाणा प्रदेश के बहादुरगढ़ के खरहर गांव के शिवांश राठी ने 9 साल की उम्र में आईएएस बनने के सपने को साकर करने हेतु मेहनत करनी शुरू कर दी थी। यूपीएससी की परीक्षा को पास कर आईएएस अफसर बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए उन्होंने एक या दो नहीं बल्कि पूरे 14 वर्ष हर रोज 10- 10, 12-12 घंटे पढ़ाई की। आज शिवांश ने यूपीएससी की परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल कर आईएएस का तिलिस्म तोड़ते हुए अपने परिवार के साथ-साथ प्रदेश का भी नाम रोशन कर दिया। उन्होंने यह साबित कर दिया की मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

शिवांश राठी हुए अपने दादा से प्रेरित 


शिवांश राठी ने अपने दादा से प्रेरित होकर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। शिवांश वर्तमान में हरियाणा प्रदेश के बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में अपने माता-पिता और बहन के साथ रहते है।

शिवांश के  दादा कंवल सिंह राठी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त और शिवांश को हमेशा देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहते थे। यही कारण है कि शिवांश ने अपने दादा से प्रेरित होकर आज यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की।शिवांश के ताऊ वीरेन्द्र राठी भी आईआरएस अफसर रह चुके हैं।

इसके अलावा चाचा जितेन्द्र एमडीयू में प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिवांश ने अपने दादा, ताऊ, चाचा और माता-पिता के मार्ग दर्शन के साथ मामा की तरह आईएएस बनने का सपना देखकर इसे पूरा करने हेतु 14 वर्ष तक कड़ी मेहनत की। आपको बता दें कि शिवांश के मामा वरिंद्र कुमार पंजाब कैडर में आईएएस के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।

शिवांश के पिता रविन्द्र राठी भी हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा भी पास कर सिविल सर्विस में जाना चाहते। इसके लिए उन्होंने हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा पास भी कर ली थी।


लेकिन किसी कारणवश भर्ती पूरी नहीं हो सकी और उनका यह सपना अधूरा रह गया। शिवांश की मां डॉ. सुदेश राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रही हैं।शिवांश के माता-पिता का कहना है कि जब भी शिवांश मायूस होता था तो वो उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे।

जिसके चलते आज शिवांश ने अपने बचपन का सपना पूरा कर परिवार का नाम रोशन कर दिया।

शिवांश की पढ़ाई की बात करें तो शिवांश ने अपनी पढ़ाई बहादुरगढ़ शहर के सेंट थॉमस स्कूल से की है।

शिवांश पढ़ाई में शुरू से इंटेलिजेंट थे। उन्होंने 12वीं कक्षा में स्कूल टॉप किया था। इतना ही नहीं उन्होंने स्नातक में भी अपने कॉलेज में टॉप किया था। उन्होंने हंसराज कॉलेज से बीए अंग्रेजी ऑनर्स की पढ़ाई के दौरान  6 सेमेस्टर में कॉलेज टॉप किया था।