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359.82 करोड़ की लागत में बन रहा देश में एक और प्राइवेट रेलवे स्टेशन, इन आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस 

देश का एक और प्राइवेट रेलवे स्टेशन तेजी से निर्माण की ओर बढ़ रहा है। यह है सेंट्रल रेलवे का अजनी (Ajni) स्टेशन, जिसे नागपुर के सैटेलाइट स्टेशन के रूप में उपयोग किया जाता है। रेल मंत्रालय के उपक्रम रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) द्वारा इस स्टेशन का रिडेवलपमेंट किया जा रहा है। इससे पहले भोपाल का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला रिडेवलप्ड प्राइवेट स्टेशन बन चुका है।
 
Private Railway Station

Private Railway Station: देश का एक और प्राइवेट रेलवे स्टेशन तेजी से निर्माण की ओर बढ़ रहा है। यह है सेंट्रल रेलवे का अजनी (Ajni) स्टेशन, जिसे नागपुर के सैटेलाइट स्टेशन के रूप में उपयोग किया जाता है। रेल मंत्रालय के उपक्रम रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) द्वारा इस स्टेशन का रिडेवलपमेंट किया जा रहा है। इससे पहले भोपाल का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला रिडेवलप्ड प्राइवेट स्टेशन बन चुका है।

अजनी स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट

आरएलडीए ने अजनी स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को तय समय से चार महीने पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट में आधुनिक डिजाइन, ग्रीन बिल्डिंग का कान्सेप्ट और दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाएं शामिल की गई हैं।

प्रोजेक्ट 

प्रतिदिन 45,000 यात्रियों के आवागमन को ध्यान में रखकर रिडेवलपमेंट किया जा रहा है। दो समर्पित एफओबी (प्रत्येक 10 मीटर चौड़ा) स्टेशन के दोनों ओर आगमन लॉबी से जुड़े होंगे।

72 मीटर चौड़ा रूफ प्लाजा, जिसमें ट्रैवलेटर्स की व्यवस्था भी होगी, प्लेटफॉर्मों को एस्केलेटर, लिफ्ट और सीढ़ियों के माध्यम से जोड़ेगा। पश्चिम की ओर 3,679 वर्गमीटर सरफेस पार्किंग और एक सर्कुलेटिंग क्षेत्र के साथ ड्रॉप ऑफ और पिक अप जोन की सुविधा उपलब्ध होगी।

निर्माण 

 मौजूदा सुविधाओं को ध्वस्त कर दिया गया है। आरसीसी फ्रेमयुक्त संरचना का निर्माण तीसरी मंजिल तक पहुंच चुका है। अस्थायी स्टेशन भवन का निर्माण किया गया है। पार्किंग क्षेत्र को रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) की तरफ बढ़ाया गया है।पाइलिंग का 85% काम पूरा हो चुका है और पाइल कैप का काम प्रगति पर है।

परियोजना की लागत और समयसीमा

प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिसंबर 2022 को अजनी रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित लागत 359.82 करोड़ रुपये है। प्रारंभ में इसे 40 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अब इसे चार महीने पहले ही पूरा किया जाएगा।