राजस्थान में धूमधाम से मनाया जा रहा बछ बारस का पर्व
Bachh Baras: बछ बारस राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए गाय और उसके बछड़े की पूजा करती हैं।
बछ बारस
इस दिन विशेष रूप से उस गाय की पूजा की जाती है, जिसने हाल ही में बछड़ा दिया हो। महिलाएं विधिपूर्वक गाय और बछड़े की पूजा करती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
महिलाएं इस दिन उपवास रखती हैं और बछ बारस की कथा सुनती हैं। इसके बाद व्रत खोलती हैं। इस दिन गेहूं और लोहे से काटी गई सब्जियों का उपयोग नहीं किया जाता। महिलाएं मक्का, बाजरा, और ज्वार से बनी रोटियों का सेवन करती हैं और गाय के दूध से बने किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करतीं।
राजस्थान के प्रमुख क्षेत्रों में बछ बारस की धूम
राजस्थान के भीलवाड़ा, अजमेर, रियाबड़ी, और जायल जैसे प्रमुख कस्बों और ग्रामीण इलाकों में बछ बारस की धूमधाम से मनाया गया। महिलाएं सुबह से ही गाय और बछड़े की पूजा में जुट गईं और पूरे विधि-विधान से इस पर्व का आनंद लिया।
बछ बारस का पर्व माताओं के अपने बच्चों के प्रति समर्पण और उनकी लंबी उम्र की कामना का प्रतीक है। राजस्थान में इस पर्व को विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करती हैं और अपने परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।