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राजस्थान सरकार की बड़ी घोषणाएं !  250 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा, पढ़ें अन्य घोषणाएं 

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने गोवंश के लिए 'आवारा पशु' शब्द को बदलकर 'निराश्रित' कर दिया है। अब रास्तों पर इधर-उधर घूमने वाले पशुओं को 'निराश्रित' कहा जाएगा। साथ ही, मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष के गठन और मंगला पशु बीमा योजना की भी घोषणा की गई है।
 
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Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने गोवंश के लिए 'आवारा पशु' शब्द को बदलकर 'निराश्रित' कर दिया है। अब रास्तों पर इधर-उधर घूमने वाले पशुओं को 'निराश्रित' कहा जाएगा। साथ ही, मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष के गठन और मंगला पशु बीमा योजना की भी घोषणा की गई है।

पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य में 250 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा। इस दौरान सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर 75% कर दिया जाएगा।

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश की बहुमूल्य पशु सम्पदा के विकास के साथ पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अब गायों और नंदी के लिए 'आवारा पशु' की जगह 'निराश्रित' शब्द का उपयोग किया जाएगा।

नई योजनाओं की घोषणा

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना             -दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं के लिए भी
ऊष्ट्र संरक्षण योजना                                -ऊंटपालकों को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रु
गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना                      -पहले चरण में 5 लाख गोपालक परिवारों को 1 लाख रु का ब्याज मुक्त ऋण
मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष              -250 करोड़ रु के प्रावधान के साथ
सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना                       -अनुदान राशि बढ़ाकर 75%
नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र                      -500 ग्राम पंचायतों में खोलने का प्रावधान
चिकित्सकों और पशुधन सहायकों के पद    -125 चिकित्सकों और 525 पशुधन सहायकों के नए पद

राज्य में 125 चिकित्सकों तथा 525 पशुधन सहायकों के नए पदों का सृजन किया जाएगा, जिससे पशु चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो सके। साथ ही, 500 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोले जाएंगे।

राजस्थान सरकार के इन नए कदमों से प्रदेश में पशुपालकों को आर्थिक मदद मिलेगी और पशुधन का विकास होगा। साथ ही, 'निराश्रित' पशुओं की सुरक्षा और देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी।