केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर ! UPS को लेकर अभी अभी बड़ा अपडेट जारी
UPS: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मंजूर की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है। UPS में शिफ्ट करना या NPS में बने रहना, यह सवाल कर्मचारियों के लिए अहम है। आइए जानते हैं UPS में शिफ्ट करने के फायदे और नुकसान।
NPS से UPS में शिफ्ट करने के फायदे
UPS में 25 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन गारंटी के तौर पर मिलती है। UPS के तहत 10 साल की नौकरी के बाद भी कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलती है।
नुकसान
UPS में शिफ्ट करने के बाद वापस NPS में लौटना संभव नहीं होगा। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के विपरीत, UPS में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा। केंद्र सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा, जबकि NPS में नियोक्ता का योगदान 14 प्रतिशत और कर्मचारी का योगदान 10 प्रतिशत है।
NPS का बकाया भुगतान
UPS चुनने वाले कर्मचारियों को 31 मार्च 2025 से पहले रिटायर होने पर NPS के तहत 800 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान भी मिलेगा। UPS से सरकार पर हर साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिससे वित्तीय दबाव भी बढ़ेगा।
NPS से UPS में शिफ्ट करना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। UPS में गारंटीड पेंशन और न्यूनतम पेंशन जैसी सुविधाएं हैं, लेकिन यह अंशदायी योजना है, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों को योगदान देना होगा। UPS में शिफ्ट करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और भविष्य की योजनाओं पर ध्यान देना जरूरी है।