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Haryana: किसानों को बड़ी राहत, किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा सरकार ने लिया ये फैसला!

ओलावृष्टि से ख़राब हुई फसल पर सरकार ने ये शर्त हटाई
 
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Haryana News: प्रदेश में दो मार्च को हुई ओलावृष्टि और तेज बारिश के चलते बर्बाद हुई फसल के बाद क्षति पूर्ति पोर्टल पर अधिकतम पांच एकड़ जमीन की शर्त को हटा दिया गया है। अब पोर्टल पर पांच एकड़ से ज्यादा फसल खराबे काे भी अपलोड करवाया जा सकेगा। सरकार की ओर से किसानों की मांग और होने वाली परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

सरकार ने किसानों को बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान की रिपोर्ट को 15 मार्च तक अपलोड करने के लिए कहा है। बता दें कि, हरियाणा  में बारिश और ओलावृष्टि से 8 लाख एकड़ फसल में 25 प्रतिशत नुकसान हुआ है। 

नुकसान की सीमा बढ़ाने की मांग:
किसानों ने सरकार से फसल नुकसान को केवल पांच एकड़ तक अपलोड करने की सीमा को बढ़ाने की मांग की थी। बारिश और ओलावृष्टि के कारण हमें भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार को किसानों को वास्तविक एकड़ जमीन अपलोड करने की अनुमति देनी चाहिए, जिस पर भारी नुक्सान हुआ है। सोमवार को सरकार ने घोषणा की है कि, किसानों के लिए 15 मार्च तक अपने दावे दर्ज कराने के लिए पोर्टल खुला रहेगा। इससे किसानों में थोड़ी राहत है।

विपक्ष कर रहा हमला:
असंध विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार को पांच एकड़ की सीमा हटाकर ‘क्षतिपूर्ति’ पोर्टल को फिर से डिजाइन करना चाहिए। इसे ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल के  अनुसार लागू किया जाना चाहिए और किसानों, सरपंच या नंबरदार की उपस्थिति में भौतिक गिरदावरी की जानी चाहिए।

अगर, सरकार किसानों को मुआवजा देना चाहती है, तो उसे पांच एकड़ की सीमा हटा देनी चाहिए।किसानों को उन वास्तविक एकड़ भूमि को अपलोड करने की अनुमति देने से जहां उन्हें नुकसान हुआ है, सरकार को सटीक डेटा उपलब्ध होगा। सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए।

किसान नहीं कर पा रहे थे डाटा अपलोड:
किसान राजेंद्र बालियान ने बताया कि मेरे पास 25 एकड़ में गेहूं की खेती है, बारिश और ओलावृष्टि के कारण अधिकांश फसल खराब हो गई है। किसानों के अनुसार, अभी पांच एकड़ तक के नुकसान के लिए रिपोर्ट जमा कर सकते हैं और परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में किसान अपने खेतों में हुए नुकसान की मात्रा अपलोड करने में असमर्थ हैं, जिससे उनमें आक्रोश पैदा हो रहा है।