India H1

Ram Rahim News: राम रहीम को बड़ी राहत, फरीदकोट बेअदबी कांड में हाई कोर्ट ने लगाई रोक 

पंजाब सरकार ने की थी CBI जांच की मांग 
 
Punjab  High Court,   Faridkot sacrilege case,   Gurmeet Ram Rahim Relief , dera chief , dera sacha sauda sirsa , haryana , punjab  , punjab news , हिंदी न्यूज़ , ram rahim news , gurmeet ram rahim insan , dera followers , punjab government , cbi ,sti , फरीदकोट बेअदबी कांड ,

Baba Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियुक्तों को फरीदकोट जिले में 2015 के अपवित्रता मामले में दोषी ठहराया गया था। उच्च न्यायालय ने गुरमीत सिंह के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है। बाबा गुरमीत सिंह द्वारा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें पंजाब सरकार की एसआईटी के बजाय सीबीआई जांच की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने बताया कि पंजाब सरकार ने नवंबर 2015 में इस मामले में दर्ज प्राथमिकी की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, लेकिन पंजाब में सरकार बदलने के तुरंत बाद अगस्त 2018 में इस आदेश को वापस ले लिया गया।

सीबीआई को जांच के आदेश दिए गए थे:
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नवंबर 2015 में राज्य सरकार ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद, मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजीत सिंह की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया गया था, और बाद में अगस्त 2018 में, पंजाब सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश को वापस लेने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया।

डेरा प्रमुख का कहना है कि मामले के एक आरोपी के बयान के बाद पिछले साल मामले में उनका नाम लिया गया था और फिर उनके पेशी वारंट जारी किए गए थे। उच्च न्यायालय ने एस. आई. टी. को सुनारिया जेल में उससे पूछताछ करने का आदेश दिया था और एस. आई. टी. पहले ही उससे पूछताछ कर चुकी है।

जानबूझकर मामले में फंसाया गया- राम रहीम 
ऐसे में गुरमीत सिंह का कहना है कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा सीबीआई द्वारा अपवित्रता मामले से संबंधित एफआईआर की जांच कराने के लिए जो आदेश रद्द किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाना चाहिए और मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए।

प्रस्ताव विधानसभा में भी पारित:
राज्य सरकार ने उक्त याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए उच्च न्यायालय को बताया कि इस मामले में राज्य सरकार ने विधानसभा में सीबीआई जांच के आदेश को वापस लेने का प्रस्ताव भी पारित किया था और उच्च न्यायालय के आदेश पर ही एसआईटी उक्त मामले की जांच कर रही है और अब डेरा प्रमुख के लिए यह मांग करना गलत है, जिसके मद्देनजर याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।