जिला शिक्षा अधिकारी ने छुट्टियों के दौरान अध्यापकों को स्कूल आने के दिए निर्देश, विरोध में उतरे शिक्षक
देश के अंदर 1 जून से लगभग सभी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने के बाद लगभग सभी शिक्षक अपने परिवार के साथ छुट्टियां प्लान कर रहे हैं। अपने परिवार के साथ छुट्टियां प्लान कर रहे शिक्षकों को अगर ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान स्कूल आने के आदेश जारी कर दिए जाएं तो ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि शिक्षक विरोध में उतर जाएंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी स्कूलों के प्रमुखों को पत्र जारी कर स्कूलों की दाखिला कमेटियों को निर्देश दिए हैं कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूल आने विद्यार्थीयों के दाखिले को सुनिश्चित कर प्रत्येक सप्ताह कितने विद्यार्थियों ने दाखिला लिया और इनरोलमेंट में कितनी वृद्धी हुई इसकी रिपोर्ट जिला दफ्तर को भेजी जाए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा यह निर्देश जारी करने के बाद अध्यापकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।
अध्यापकों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा रोजाना स्थिति से मेल नहीं खाने वाली निर्देश जारी किए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों से स्कूल को कोई फायदा ना होकर अध्यापकों के लिए ही परेशानी का कारण बन जाता है।
अध्यापक को नहीं बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 30 जून तक स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा के चलते सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट स्कूल भी बंद हो गए हैं।
प्रशासन ने भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में बच्चों से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। वहीं बच्चों को भी पता है कि दाखिले का काम अब छुट्टियों के बाद ही होगा और कक्षाएं भी छुट्टियों के बाद शुरू की जाएगी। ऐसे में डी.ई.ओ. ने नए दिशा-निर्देश जारी कर अध्यापकों की परेशानी बढ़ा दी है।
कर्मचारी कर रहे हैं चुनाव ड्यूटी
अध्यापकों DEO के दिशा निर्देशों का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान समय में राज्य भर में एक जून को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी स्कूलों के अधिकांश कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं।
वहीं कुछ कर्मचारी तो पिछले 1 से 3 महीने से लगातार चुनावी ड्यूटी कर रहे हैं। यह ड्यूटी भी खुद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लगाई गई है। इसके बाद भी डी.ई.ओ. द्वारा छुट्टियों के दौरान अध्यापकों को दाखिले के लिए परेशान करना सरासर गलत है। अध्यापकों ने बताया कि DEO के इन दिशा-निर्देशों का संपूर्ण जिले में अध्यापकों के अंदर भारी विरोध है।