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Expressway; यूपी में यहाँ से यहाँ तक बनेगा 112 किमी लंबा फोरलेन हाईवे, इन गांवों के किसान होंगे मालामाल 

यूपी के कानपुर-कबरई नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए एनएचएआई ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी हैं। करीब 3,700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस फोरलेन हाईवे से दर्जनों गांव पूरी तरह सुरक्षित होंगे और इस क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी।
 
 
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New Expressway UP: यूपी के कानपुर-कबरई नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए एनएचएआई ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी हैं। करीब 3,700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस फोरलेन हाईवे से दर्जनों गांव पूरी तरह सुरक्षित होंगे और इस क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी।
 
एनएचएआई ने 112 किमी लंबे फोरलेन हाईवे के लिए पहले ही डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की थी। यह डीपीआर भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई थी। नए फोरलेन हाईवे को पांच पैकेज में विभाजित किया गया था और इसके लिए 700 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की योजना बनाई गई थी।
 
फोरलेन हाईवे बनाने के लिए मैपिंग कंपनी के इंजीनियरों ने कई दिनों तक सर्वे किया। इस सर्वे में कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के 68 गांव शामिल थे। एनएचएआई की टीम ने हाल ही में यहां आकर स्थलीय निरीक्षण कर जांच की है और डीपीआर में बड़े बदलाव की तैयारी की है।
 
सेतु निगम के अभियंता पंकज कुमार के अनुसार, नए फोरलेन हाईवे के निर्माण में यमुना में नया पुल बनाने समेत तमाम कार्यों में बड़ी लागत लगेगी। हमीरपुर शहर के सिटी फारेस्ट के पास यमुना और बेतवा नदी में बन रहे फोरलेन पुल नए फोरलेन हाईवे में प्रयोग में लाए जा सकते हैं।
 
एनएचएआई के राज्य परियोजना निदेशक अमन रुहेला के निर्देश पर इंजीनियरों की एक टीम ने हमीरपुर आकर सेतु निगम और लोनिवि प्रांतीय खंड के अभियंताओं के साथ बैठक की। टीम ने यमुना और बेतवा नदियों में बनाए जा रहे बाईपास फोरलेन पुलों का जायजा लिया और आवश्यक जानकारी मांगी।
 
कानपुर-कबरई तक 1,200 किमी लंबे नए फोरलेन हाईवे अब घाटमपुर क्षेत्र से होते हुए हमीरपुर में सिटी फारेस्ट के पास यमुना और बेतवा नदियों में बनाए जा रहे फोरलेन हाईवे से गुजरेगा। लोनिवि के अधिशाषी अभियंता एमएल वर्मा ने बताया कि डीपीआर में बदलाव कर नए फोरलेन हाईवे को बाईपास फोरलेन पुलों से निकालने की योजना बनाई जा रही है।
 
कानपुर-कबरई फोरलेन हाईवे परियोजना से इस क्षेत्र में यातायात और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे दर्जनों गांव सुरक्षित होंगे और क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान होगा। एनएचएआई की नई तैयारी और डीपीआर में बदलाव से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परियोजना समय पर और लागत में पूरी हो।