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नौगामा खाप के किसानों ने बिजली समस्या, कनेक्शन की मांग को लेकर  पावर हाउस पर दिया धरना, विभाग के खिलाफ नारेबाजी

नौगामा खाप के किसानों ने बिजली समस्या, कनेक्शन की मांग को लेकर  पावर हाउस पर दिया धरना, विभाग के खिलाफ नारेबाजी
 
नौगामा खाप

जींद में नौगामा खाप के अंतर्गत आने वाले गांवों में बिजली समस्या, रूके हुए बिजली कनेक्शनों को जारी करने की मांग समेत दूसरी कई मांगों को लेकर किसानों ने हांसी रोड पर बिजली निगम के पावर हाऊस पर धरना दिया। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे तक किसानों का धरना चला।

किसानों द्वारा पावर हाउस के गेट पर ताला जड़ने की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आया और किसानों को चार ट्रासफार्मर उपलब्ध करवाएं। साथ ही सिंसर गांव में बिजली के पोल लगाने का काम शुरू किया गया। निगम के एक्सईएन ने जल्द ही काम पूरा करवाने का आश्सवान दिया। इसके बाद किसानों ने धरना खत्म किया।

2019-20 से किसानों के बिजली कनेक्शन पड़े हैं लंबित 


सोमवार को भाकियू के जिला प्रधान बारू राम, युवा जिला प्रधान बिंद्र नंबरदार, प्रदेश प्रवक्ता छज्जूराम, जयबीर राजपुरा, रामफल जागलान, प्रदीप घिमाना समेत काफी संख्या में किसान हांसी रोड पर वीटा प्लांट के नजदीक बने पावर हाउस के गेट पर एकत्रित हुए। यहां पर किसानों ने निगम के खिलाफ नारेबाजी की और धरना शुरू कर दिया।

धरने की अध्यक्षता जयबीर राजपुरा ने की। जयबीर, बारूराम ने कहा कि वर्ष 2019-20 से किसानों के बिजली कनेक्शन लंबित हैं। सिंसर गांव में, गुलकनी तथा राजपुरा भैण में किसानों ने दो से ढाई लाख रुपये सिक्योरिटी जमा करवा ली लेकिन न तो कनेक्शन मिला न ही ट्रासफार्मर और बिजली के पोल लगाने काम शुरू करवाया गया।

इसके अलावा खेतों की बिजली सप्लाई सुचारू नहीं चल रही। कभी आधे तो कभी एक घंटे का कट लग रहे हैं। बिजली की तारें जर्जर हो चुकी हैं। दिन भर में तीन से चार घंटे बिजली सप्लाई मिल पाती है, जो नाकाफी है। सभी लाइनों को दुरुस्त किया जाए। एसडीओ से लेकर एक्सईएन तक मिले लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। आखिरकार मजबूरी में उन्हें धरना शुरू किया है। 

बिजली निगम के एक्सईएन विकास मलिक पहुंचे  मौके पर 


किसानों ने कहा कि ट्रासफार्मरों का लोड नहीं बढ़वाया जा रहा। किसानों के धरना शुरू करने और गेट बंद करने की चेतावनी के बाद निगम के एक्सईएन विकास मलिक मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद चार ट्रासफार्मर किसानों को दिलवाए गए और सिंसर गांव में विभाग की टीम भेजकर खंभे लगवाने का काम शुरू करवाया गया। इस पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया और साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द सारी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह दोबारा से धरना शुरू कर देंगे।