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Haryana: रोहतक से BJP ने दोबारा खेला ब्राह्मण कार्ड, अरविंद शर्मा को लगातार तीसरी बार उतारा 

कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की
 
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Haryana News: जाट और गैर-जाट समीकरण को देखते हुए भाजपा ने एक बार फिर रोहतक लोकसभा सीट पर ब्राह्मण कार्ड खेला है। 25 सालों में अरविंद शर्मा तीसरी बार हुड्डा परिवार के खिलाफ मैदान में उतरने जा रहे हैं। शर्मा ने इससे पहले 1999 में भूपिंदर हुड्डा और 2019 में दीपेंद्र हुड्डा के खिलाफ रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा उम्मीदवार के रूप में पहली बार रोहतक सीट से अरविंद शर्मा ने जीत हासिल की। फिलहाल आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के लोकसभा टिकट की घोषणा की जानी बाकी है, हालांकि दीपेंद्र हुड्डा लगातार अभियान को संभाल रहे हैं।

भाजपा ने आखिरकार होली के दिन अपने पत्ते खोल दिए हैं और एक बार फिर रोहतक सीट से डॉ. अरविंद शर्मा को मैदान में उतारा है। शर्मा को मैदान में उतारने का कारण जाति समीकरण है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रोहतक सीट जीती थी।

1952 से 2014 तक अधिकांश समय जाट समुदाय संसद का सदस्य रहा है। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 2016 में हुई हिंसा के बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय से डॉ. अरविंद शर्मा को मैदान में उतारा था, जो विजयी हुए थे। पार्टी ने एक बार फिर उन पर विश्वास जताया है। हालांकि ऐसी चर्चा है कि पार्टी ने एक विकल्प पर विचार-विमर्श किया, लेकिन यह शर्मा ही थे जो एक मजबूत चेहरे के रूप में उभरे।
 
रोहतक में पांच साल पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर थी। भाजपा के डॉ अरविंद शर्मा को 47.0 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को 46.4 प्रतिशत वोट मिले। हुड्डा 7503 मतों से हार गए। तीसरे स्थान पर रहे बीएसपी के कृष्णपाल पांचाल को 3.1 फीसदी वोट मिले।

2019 के लोकसभा चुनाव में 18 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा, बसपा के कृष्ण लाल पांचाल, जेजेपी के प्रदीप देशवाल, इनेलो के धरमबीर, एसयूसीआई के जयकरण मंडोथी, दलित शोषित बैकवर्ड अधिकार दल के सुखबीर, भारत प्रभात पार्टी के इमरान, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की मंजू देवी, आपकी अपनी पार्टी के राजबीर सिंह और आठ निर्दलीय शामिल थे।