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Bundelkhand Expressway को लेकर आई गुड न्यूज, सरकार ने किया बड़ा ऐलान  

उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर पार्क विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इस पहल के तहत, सोलर पार्क का निर्माण सबसे पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से होगा, जो राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आइए जानें इस परियोजना की विशेषताएँ, संभावित लाभ, और इसमें शामिल प्रमुख निवेशकों के बारे में विस्तार से।
 
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Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर पार्क विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इस पहल के तहत, सोलर पार्क का निर्माण सबसे पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से होगा, जो राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आइए जानें इस परियोजना की विशेषताएँ, संभावित लाभ, और इसमें शामिल प्रमुख निवेशकों के बारे में विस्तार से।

सौर ऊर्जा उत्पादन

प्रस्तावित उत्पादन: 50-50 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र।
कुल क्षमता: 450 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता।

जमीन का लीज

सस्ती दर पर लीज: पहले 15,000 रुपये प्रति एकड़ लीज रेंट की बजाय, अब निवेशकों को मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

निवेश और परियोजना पैकेज

कुल निवेश: लगभग 2550 करोड़ रुपये।
पैकेज: एक पैकेज कम से कम 50 मेगावाट का होगा, कुल 18 पैकेज होंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा कर्मियों और पेट्रोलिंग वाहनों के माध्यम से निगरानी की जाएगी। सोलर पैनलों की नियमित पानी से सफाई की जाएगी। एक्सप्रेसवे पर वायरलेस ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2026-2027 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद, अन्य एक्सप्रेसवे पर भी इसी तरह के सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सोलर पार्क का विकास उत्तर प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी। इस परियोजना के सफल होने से राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और भविष्य में अन्य एक्सप्रेसवे पर भी इसी तरह की पहल की जाएगी।