संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी ! होंगे नियमित, हाईकोर्ट का आदेश जारी
Regularization of contract employees: उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया अब तेज हो गई है, जिससे हजारों कर्मचारियों को पक्की नौकरी की उम्मीद है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे संविदा कर्मचारियों की समस्याएं हल हो सकेंगी और उन्हें उनके अधिकार मिल सकेंगे।
उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने नियमितीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, जिससे हजारों संविदा कर्मचारियों के लिए पक्की नौकरी की उम्मीदें जाग उठी हैं।
उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
उत्तराखंड में 15,000 से ज्यादा संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक, तदर्थ, और उपनल कर्मचारी हैं। इनके नियमितीकरण के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
नियमावली
2013 में लागू की गई थी, जिसमें 10 साल की सेवा के आधार पर नियमित करने का प्रावधान था। 2017 की नियमावली में सेवाकाल 10 साल से घटाकर 5 साल कर दिया गया था।
हाईकोर्ट का आदेश
नरेंद्र सिंह बिष्ट और चार अन्य याचिकाओं के बाद 2013 की नियमितीकरण नियमावली को मंजूरी दी गई है।
नियमितीकरण प्रक्रिया
रिक्त पदों के सापेक्ष संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
अधिक दावेदार होने पर वरिष्ठता सूची बनाई जा सकती है।
अर्हता, आयु, और अन्य आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।
संविदा कर्मचारियों की उम्मीदें
इस नए निर्णय के बाद संविदा कर्मचारियों की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 की कट ऑफ डेट मानते हुए 10 साल नियमित सेवा वालों को पदों की उपलब्धता के हिसाब से नियमित किया जाएगा।
यह कदम संविदा कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो लंबे समय से अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। इस प्रक्रिया से न केवल कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में भी सुधार आएगा।