हरियाणा में लाखों किसानों के लिए ख़ुशख़बरी, खट्टर सरकार किसानों को ट्रेक्टर खरीद पर दे रही है लाखों की सब्सिडी, जल्दी ऐसे उठायें फायदा
indiah1, Haryana News: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में अनुसूचित जाति के किसानों को साल 2023-24 के दौरान एसबी-89 स्कीम के तहत 45 एचपी व अधिक क्षमता के ट्रैक्टर की खरीद पर एक लाख रुपये का अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा।
उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि अनुदान के लिए संबंधित किसान 11 मार्च तक विभागीय पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन 26 फरवरी से शुरू हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह स्कीम केवल अनुसूचित जाति (एससी) किसानों के लिए है। अनुसूचित जाति के किसान जिसके नाम कृषि भूमि है, जो मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकृत हैं। पिछले पांच सालों में ट्रैक्टर पर अनुदान ना लिया हो, वे किसान आवेदन कर सकते हैं।
ये कागजात रखें तैयार
भिवानी के सहायक कृषि अभियंता नसीब सिंह धनखड़ ने बताया कि जिले में अनुसूचित जाति के किसानों को 45 हॉर्स पावर या इससे अधिक क्षमता के ट्रैक्टरों पर एक लाख रुपये प्रति ट्रैक्टर का अनुदान दिया जाना है। ऑनलाइन आवेदन करने हेतु किसान का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण, स्वयं के नाम कृषि योग्य भूमि, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, चालू बैक खाता पासबुक, पैन कार्ड, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
किसान 5 साल से पहले सेल नहीं कर सकते ट्रेक्टर
यदि ट्रैक्टर पांच साल से पहले बेचता है तो किसान से ब्याज सहित अनुदान राशि वापिस वसूली जाएगी। उन्होंने बताया कि चयनित किसान कृषि विभाग द्वारा अनुमोदित ट्रैक्टर फर्मों में से अपनी पसंद का ट्रैक्टर मोल भाव करके खरीद सकते हैं। किसान अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि उपनिदेशक, सहायक कृषि अभियंता, फतेहाबाद के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस के दौरान सुबह नौ बजे से पांच बजे तक संपर्क कर सकता है।
किसान ऐसे कर सकते हैं आनलाईन आवेदन
उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जाति के किसानों को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी), बैंक विवरण, अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, कृषि भूमि के स्वामित्व का प्रमाण पत्र/पटवारी रिपोर्ट विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना होंगे। लक्ष्य से ज्यादा आवेदन होने पर लाभार्थी का चयन जिला स्कीम कार्यकारी कमेटी (डीएलईसी) द्वारा ऑनलाइन ड्रा के माध्यम से किया जाएगा। लाभार्थी किसान को ट्रैक्टर का पंजीकरण अपने नाम से करवाना होगा तथा अगले पांच वर्षों तक ट्रैक्टर को बेच नहीं सकता।