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Gorakhpur-Siliguri Expressway:  उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में बढ़ेगी कनेक्टिविटी, सैंकड़ों गाँव आपस में जुड़ जाएंगे 

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। यह परियोजना पूर्वोत्तर राज्यों को एक नया और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगी। इसके पूरा होने के बाद, यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा और क्षेत्र का विकास नई ऊँचाइयों को छुएगा।
 
Gorakhpur-Siliguri Expressway

Gorakhpur-Siliguri Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। यह परियोजना पूर्वोत्तर राज्यों को एक नया और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगी। इसके पूरा होने के बाद, यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा और क्षेत्र का विकास नई ऊँचाइयों को छुएगा।

गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक की दूरी कम करने के लिए एक नया रूट तैयार किया गया है, जिसे अब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे की योजना में बदलाव करते हुए इसे गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन बाईपास के पास से जोड़ने का निर्णय लिया है।

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर से सिलीगुड़ी की यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़े इस नए मार्ग के माध्यम से दिल्ली या मोतिहारी जाने वाले यात्रियों को बड़ा लाभ होगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के चौरी चौरा तहसील के बसडिला गांव से शुरू होगा और उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से गुजरेगा।

 इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रा समय भी घटेगा। इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान ग्रीन लैंड को संरक्षित रखा जाएगा।

NHAI ने भूमि अधिग्रहण के लिए सात हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। कुशीनगर और देवरिया जिलों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रारंभिक योजना में 115 गांव शामिल थे, लेकिन नए रूट में गांवों की संख्या बढ़ जाएगी। जमीन का अधिग्रहण सिक्स लेन के हिसाब से किया जाएगा, जबकि शुरुआत में यह फोर लेन की सड़क होगी।