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Greenfield Expressway: वाराणसी से कोलकाता तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का अटका काम, जानें वजह 

वाराणसी से कोलकाता तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। लेकिन इसे पूरा करने के लिए कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे बड़ी बाधा हरियाली का संरक्षण है।
 
Greenfield Expressway

greenfield expressway: वाराणसी से कोलकाता तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। लेकिन इसे पूरा करने के लिए कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे बड़ी बाधा हरियाली का संरक्षण है।

एनजीटी की मंजूरी पर अटका काम

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस परियोजना के तहत बन रहे सिक्स लेन एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कुछ शर्तें लगाई हैं।

कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी

एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना की 37 हेक्टेयर वन विभाग की जमीन और 5 हेक्टेयर कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी की जमीन चिह्नित की गई है। इस भूमि पर कार्य शुरू करने के लिए एनजीटी की मंजूरी की आवश्यकता है।

स्थानीय लोगों की समस्याएँ

वाराणसी के लोगों के लिए यह एक्सप्रेसवे बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। लेकिन परियोजना में हो रही देरी ने स्थानीय लोगों को परेशान कर दिया है।

सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए, ताकि परियोजना को समय पर पूरा किया जा सके। एक्सप्रेसवे से वाराणसी से कोलकाता तक की दूरी और यात्रा का समय कम हो जाएगा, जिससे लोगों की यात्रा आसान होगी।

वाराणसी से कोलकाता तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कई राज्यों के लिए विकास और कनेक्टिविटी का महत्वपूर्ण मार्ग हो सकता है। लेकिन इस परियोजना को पूरा करने के लिए सरकार को हरियाली के संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों का समाधान जल्द से जल्द करना होगा। तभी स्थानीय लोगों को इस परियोजना का पूरा लाभ मिल सकेगा।