महर्षि विद्या मन्दिर स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया गया गुरुपर्व
महर्षि विद्या मन्दिर स्कूल जींद में गुरु पूर्णिमा समारोह एवं महर्षि विश्व शांति आंदोलन का 16वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।सर्वप्रथम वैदिक परम्परा का निर्वाहन करते हुए ध्यान शिक्षक श्री सत्येंद तिवारी जी ने दीप प्रज्ज्वलन एवं गुरुपूजन किया गया।उसके पश्चात् कार्यक्रम का शुभारम्भ महर्षि विश्व शांति आंदोलन के परिचय से शुरू हुआ।
इसके बाद प्राचार्य जी ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु का साथ एवं प्रेरणा मनुष्य के जीवन को सार्थक बनाने में परम आवश्यक है तथा उन्होंने महर्षि विद्या मन्दिर विद्यालय समूह के माननीय अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश जी का सन्देश भी पढ़कर सुनाया।
अपने सन्देश में उन्होंने कहा कि इस वैदिक ज्ञान और विज्ञान से पोषित ये छात्र गुरु-भक्ति की अवधारणा को फिर से स्थापित करने में सक्षम होंगे - एक आदर्श समाज के लिए अपने गुरु के प्रति शिष्यों की पूर्ण और निर्विवाद भक्ति। इससे विद्यार्थियों के जीवन में, उनके परिवार और समाज में सद्गुणों के साथ एक नई आभा और ऊर्जा का सृजन होगा, जहां सभी नागरिक सुखी, समृद्ध, स्वस्थ, शांतिपूर्ण और आनंदमय जीवन जी सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि परम पावन महर्षि महेश योगी जी के अथक प्रयास प्रत्येक व्यक्ति को उसके परिवार, उसके समाज, उसके देश और उसके विश्व परिवार को बदलने के लिए विकसित करना था।वैदिक गुरु के साथ अपनी चेतना को जागृत करके एक सुव्यवस्थित और अनुशासित इकाई में परम्परा और वैदिक तकनीकें।हर इंसान में चेतना जगाने और उसे स्थिरता प्रदान करने वाली 'ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन' की सहज तकनीक दुनिया के सामने है।
इसका नियमित अभ्यास करके हम जीवन को सफल बना सकते हैं। आज जब विश्व के अन्य देश अपनी शस्त्र शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं, तब भारत अपना वैदिक ज्ञान सभी को देकर विश्व शांति स्थापित करने के प्रयासों को प्रदर्शित कर रहा है।
इससे हम अपने देश को एक बार फिर जगत गुरु बना सकते हैं।प्राचार्य श्री अभिरामा नन्द जी ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन को सार्थक बनाने में गुरु का सहयोग एवं प्रेरणा आवश्यक है।इसके बाद कार्यक़म में स्कूल के विद्यार्थियों ने सुरुचिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम के दौरान नन्हे-मुन्ने बच्चों ने गुरु की महिमा पर कविताएं प्रस्तुत की।सीनियर वर्ग के छात्र- छात्राओं ने कविता,दोहे तथा भाषण द्वारा गुरु के प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।अध्यापिका रेखा ने गुरु के प्रति अपने भाव प्रस्तुत किए।सभी विद्यार्थियो ने पुष्प अर्पित करते हुए अपने गुरुजन के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया तथा प्राचार्य जी ने सभी बच्चों का उत्साहवर्धन व प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।