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Haryana Assembly Elections 2024: चौटाला परिवार की सीटों पर दिलचस्प मुकाबले ! सिरसा जिले की रानिया सीट पर मुकाबला इस बार बेहद खास 

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में चौटाला परिवार की कई प्रमुख सीटों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। इन सीटों पर जहां राजनीतिक विरासत की लड़ाई जारी है, वहीं उम्मीदवारों के रिश्ते और राजनीतिक रणनीतियां भी इस चुनाव को खास बना रही हैं।
 
Haryana Assembly Elections 2024

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में चौटाला परिवार की कई प्रमुख सीटों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। इन सीटों पर जहां राजनीतिक विरासत की लड़ाई जारी है, वहीं उम्मीदवारों के रिश्ते और राजनीतिक रणनीतियां भी इस चुनाव को खास बना रही हैं।

सिरसा जिले की रानिया सीट पर मुकाबला

सिरसा जिले की रानिया विधानसभा सीट पर इस बार की लड़ाई बेहद खास है। इस सीट पर 2019 में रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी रहे थे और उन्होंने बीजेपी को समर्थन देकर पांच साल तक बिजली और जेल जैसे विभागों के मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी।

इस बार इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। अर्जुन का यह पहला चुनाव है, और वह ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं। रणजीत चौटाला और अर्जुन के बीच रिश्तेदारी भी दिलचस्प है, क्योंकि रणजीत, अर्जुन के दादा ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं।

दिग्विजय चौटाला और आदित्य देवीलाल का मुकाबला

दूसरी ओर, दिग्विजय चौटाला, जो अजय सिंह चौटाला के बेटे और ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं, भी इस चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार के रूप में सामने हैं। इस सीट पर बीजेपी के बागी नेता आदित्य देवीलाल को इनेलो ने टिकट दिया है। आदित्य, चौधरी देवीलाल के बेटे जगदीश चौटाला के बेटे हैं, जो ओमप्रकाश चौटाला के भतीजे भी लगते हैं। 2019 के चुनाव में आदित्य को कांग्रेस के अमित सिहाग ने हराया था, जो इस बार भी कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

तोशाम विधानसभा सीट पर बंसीलाल की विरासत की लड़ाई

तोशाम विधानसभा सीट पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को लेकर लड़ाई जारी है। यहां बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने बंसीलाल के पोते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है।

इस सीट पर दोनों उम्मीदवार बंसीलाल की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। श्रुति चौधरी ने पहले कांग्रेस में रहते हुए बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।