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हरियाणा वासियों की हो गई मौज, अब आभा कार्ड के जरिए एक क्लिक से मरीजों के उपचार संबंधी होंगे सभी मसले हल
 

हरियाणा वासियों की हो गई मौज, अब आभा कार्ड के जरिए एक क्लिक से मरीजों के उपचार संबंधी होंगे सभी मसले हल
 
 
आभा कार्ड

हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत डिजीटल हेल्थ मिशन योजना (आभा) को लेकर अपने कदम तेजी से आगे बढ़ा दिए हैं। मिशन के तहत प्रदेश के तमाम लोगों का आभा कार्ड बनाकर रिकॉर्ड डिजीटल किया जाएगा ताकि उनके एक क्लिक पर ही उपचार संबंधी मसले हल हो सकें।

इस दिशा में काम कर रही हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की एबीडीएम टीम अब तक 1.42 करोड़ हरियाणावासियों के आभा कार्ड बना चुकी है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के एबीडीएम टीम ने मुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में काम भी शुरू कर दिया है।

एमबीडीएम की खास्थित यह होगी कि अब न तो रोगी को अपनी इलाज संबंधी दस्तावेज से जुड़ा थैला लेकर घूमना पड़ेगा बल्कि वह घर बैठे ही दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन को भी मरीज का तमाम रिकॉर्ड उसकी सहमति के जरिए डिजीटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा।

झोलाछाप पर लगेगी लगाम, रोगी की सहमति से डिजीटल रिकॉर्ड होगा अनलॉक

एचपीआर यूनिक नंबर डॉक्टरों को जारी होगा यानि जो डॉक्टर मेडिकल काउंसिल के पास रजिस्टर्ड है, उसका ही रिकॉर्ड दर्ज होगा। इससे रोगी को सही डॉक्टर से उपचार की सुविधा मिलेगी और झोलाछाप पर लगाम लगेगी। दूसरा, डॉक्टर अपनी मर्जी से रोगी का डिजीटल रिकॉर्ड नहीं देख पाएंगे। उसके लिए रोगी की सहमति जरूरी होगी। रोगी की सहमति के बाद एक ओटीपी नंबर जनरेट होगा, जो रोगी द्वारा डॉक्टर को बताने पर ही रोगी के डिजीटल रिकॉर्ड को अनलॉक करने में कारगर साबित होगा। इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में फिलहाल 10 बेड से नीचे के अस्पताल को निशुल्क सुविधा प्रदान की जाएगी।

प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर जुड़ें इसलिए आईएमए से भी किया संपर्क

प्राथमिक चरण में इस मिशन को सरकारी सिस्टम से जोड़ा जाएगा। प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल, डॉक्टर, लैब व अन्य स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को इससे जोड़ा जाए, इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग की एबीडीएम टीम लगातार प्रयास कर रहा है। जिसके तहत आईएमए को भी पत्र लिखा गया है।

मिशन पूरी तरह से इजाद होने के बाद सरकार के पास स्वास्थ्य संबंधी ढांचे की पर्याप्त और स्टीक जानकारी होगी। इससे जहां डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को भी दूर किया जा सकेगा, वहीं प्रदेश के लोगों को भी बेहतर उपचार उपलब्ध होगा।

आभा रोगी घर बैठे करवा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

प्रदेश में इस समय करीब 1.42 करोड़ आभा लाभार्थी हैं। अस्पताल को मिली आईडी का फायदा यह होगा कि आभा रोगी को सही अस्पताल की जानकारी मिल सकेगी। उसे अस्पताल में मिलने वाली सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का पता होगा। अगर उसने किसी अस्पताल में डॉक्टर के पास चेकअप के लिए रजिस्ट्रेशन करना है तो वह घर बैठे ही कर सकेगा।

जिसके लिए उसे अस्पताल में लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, डॉक्टर को भी आईडी मिलने के बाद रोगी को देखने में सुविधा होगी, क्योंकि उसके पास पहले ही रोगी के बारे में जानकारी होगी।