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Haryana Roadways Strike: हरियाणा में इस दिन नहीं चलेगी हरियाणा रोडवेज की बसें, रोडवेज कर्मचारी करेंगे राष्ट्रीय हड़ताल 

कर्मचारियों ने हिट एंड रन कानून संसद सत्र में रद्द करने की मांग की। इस मौके पर जयकुंवार दहिया, नरेश सिवाच, प्रदीप हुड्डा, सतबीर मुंढाल, बलजीत सिंह, जयबीर फौजी, राजीव कुमार आदि नेताओं ने सरकार की वादाखिलाफी व जनविरोधी नीतियों की आलोचना की।
 
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Indiah1. Haryana Roadways Strike: हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (संबंधित सर्व कर्मचारी संघ) के डीपो प्रधान नरेश सिवाच की अध्यक्षता में कर्मचारी संपर्क अभियान की शुरुवात हुई। 16 फरवरी को राष्ट्रिय हड़ताल के , तहत चक्का जाम की तैयारी है। बतादें कि, कर्मचारी संपर्क अभियान टीम का संचालन राज्य उप प्रधान और डिपो सचिव जयकुंवर दहिया ने किया।  

बैठक में अभियान को चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में सैंकड़ों कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी और इनकी मांगों को मानकर लागू नहीं करने पर रोष जताया। इसके माध्यम से कर्मचारियों को जागरूक करने की कोशिश भी की गई। 

कर्मचारियों में रोष:
मौके पर जयकुंवर दहिया, नरेश सिवाच, प्रदीप हूडा आदि ने कर्मचारियों को सम्बोधित किया। अपने संबोधन में इन्होने कहा कि, सरकार की ओर से बार-बार की जा रही वादाखिलाफी व टरकाऊ रवैये से कर्मचारियों में रोष है। सरकार व विभाग के उच्चाधिकारी रोडवेज कर्मचारियों की मांगों के लिए गंभीर नहीं है।

उन्होंने सम्बोधन करते हुए कहा कि, रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर सरकार की वादाखिलाफी का जवाब देने के लिए 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बसों का पूर्ण चक्का जाम करेंगे। हिट एंड रन कानून लागू करने से चालकों में दहशत का माहौल है।

हिट एंड रन क़ानून को रद्द करने की मांग: 
कर्मचारियों ने हिट एंड रन कानून संसद सत्र में रद्द करने की मांग की। इस मौके पर जयकुंवार दहिया, नरेश सिवाच, प्रदीप हुड्डा, सतबीर मुंढाल, बलजीत सिंह, जयबीर फौजी, राजीव कुमार आदि नेताओं ने सरकार की वादाखिलाफी व जनविरोधी नीतियों की आलोचना की।

क्या-क्या हैं मांगे:
परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35400 किया जाए।  लंबे समय से लंबित लिपिकों/ टिकट वरिफायर की प्रमोशन की अति शीघ्र की जाए। नई पेंशन नीति को बंद करके पुरानी पेंशन नीति को लागू किया जाए। ऑनलाइन तबादला पॉलिसी में संशोधन किया जाए। विभाग के बेड़े में बढ़ती आबादी अनुसार 10000 सरकारी बसों को शामिल किया जाए। हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए। 1992 से 2003 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए। चालकों को अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके प्रमोशन की जाए।