Roadways:हरियाणा रोडवेज कर्मचारी प्राइवेट बसों को परमिट देने पर सरकार के खिलाफ उतरे सड़कों पर, 14 जुलाई को परिवहन मंत्री के आवास का करेंगे घेराव
Haryana Roadways:हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आहवान पर मंगलवार को सरकार द्वारा 262 मार्गों पर 3658 प्राइवेट रूट परमिट देने के विरोध में प्रदेश के सभी डिपुओं में विरोध प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के खिलाफ व मानी गई मांगों को लागू नहीं करने पर जमकर नारेबाजी की।
मोर्चा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र दिनोद, सुमेर सिवाच, ओमप्रकाश ग्रेवाल, जयबीर घणघस, आजाद गिल, जगदीप लाठर, वीरेंद्र सिगरोहा, अशोक खोखर, दिनेश हुड्डा, अशोक खोकर, जयभगवान कादियान, संजीव कुमार, मायाराम उनियाल, अमित महराना, हरिकृष्ण व नीरज शर्मा ने संयुक्त बयान में सरकार से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता की प्राइवेट बसों की मांग नहीं है तो सरकार 262 मार्गों पर 3658 रूट परमिट देने पर क्यों अड़ी हुई है? जबकि प्रदेश की जनता व छात्र-छात्राओं द्वारा पंचायतों के माध्यम से और रोडवेज कर्मचारियों द्वारा चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से सरकार से सरकारी बसों की मांग लगातार कर रही हैं।
प्राइवेट बसों में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा नहीं हो पा रही लागू
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो प्राइवेट
परमिट धारक वाली बसें चल रही हैं, इनमें सरकार द्वारा दी जा रही किसी भी सुविधा को लागू नहीं किया जा रहा हैं। जिनकी शिकायतें छात्र-छात्राओं, बुजगों, आम जनता द्वारा समय-समय पर करने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। रोडवेज बसें प्राइवेट बसों से ज्यादा टैक्स सरकारी खजाने में जमा करवाती है। सरकारी बसों की बढ़ोतरी होने से बेरोजगारों को स्थाई व सुरक्षित रोजगार मिलता हैं जबकि प्राइवेट बसों को परमिट देने से बेरोजगारों को कम वेतन देकर खिलवाड़ किया जा रहा है। आए दिन प्रदेश की जनता प्राइवेट बसों की दुर्घटनाओं की शिकार हो रही है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर सरकार की नीयत जनता व बेरोजगारों के प्रति सही है तो 3658 रूट परमिट देने का निर्णय रद्द कर विभाग में 10000 सरकारी बसें शामिल करे ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 60 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सके। नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार निजीकरण पॉलिसी वापस नहीं लेती तो 14 जुलाई को पूरे प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपो के हजारों कर्मचारियों द्वारा परिवहन मंत्री के अंबाला आवास का घेराव करके बड़े आंदोलन की घोषणा करने को मजबूर होंगे।