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Haryana: HSSC का होगा पुनर्गठन, नए चेयरमैन और 6 सदस्य होंगे नियुक्त, जानें

नायब सिंह सैनी के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासन में बदलाव का दौर शुरू हो गया। अभी हाल ही में हरियाणा प्रदेश में बड़े स्तर पर आइएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं।
 
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Haryana news: हरियाणा प्रदेश में बीते कुछ दिनों से राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक उथल-पुथल भी जोरों-सोरों से चल रहा है। आपको बता दें कि हरियाणा प्रदेश में पिछले लगभग 4 साल और 6 महीने से भाजपा और जजपा दोनों पार्टी मिलकर सरकार चला रही थी। लेकिन अभी हाल ही में दोनों का गठबंधन टूटने के बाद भाजपा पार्टी ने अकेले सरकार चलाने का फैसला लिया।

इसके साथ-साथ हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर नायब सिंह सैनी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। नायब सिंह सैनी के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासन में बदलाव का दौर शुरू हो गया। अभी हाल ही में हरियाणा प्रदेश में बड़े स्तर पर आइएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं।

अब खबर आ रही है कि जल्द ही हरियाणा सरकार एचएसएससी आयोग का नए सिरे से गठन करेगी। ज्ञात होगी एचएसएससी के अध्यक्ष ने पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। एचएसएससी के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी लगभग 6 वर्षों तक आयोग के सदस्य और 3 वर्षों तक आयोग के अध्यक्ष रहे।

उन्होंने 15 मार्च को अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया। इस आयोग के बाकी बचे सदस्यों का कार्यकाल 23 मार्च को खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने 23 मार्च तक मंडल आयुक्तों को पत्र लिखकर अपनी सिफारिशें भेजने का आदेश जारी किया है।

अंबाला, हिसार, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद के मंडल आयुक्तों को सरकार ने भेजा पत्र

हरियाणा सरकार ने एचएसएससी आयोग के नए सिरे से गठन हेतु अंबाला, हिसार, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद के मंडल आयुक्तों को पत्र जारी किया है। इस आयोग में वह व्यक्ति आवेदन कर सकता है जो पिछले 10 वर्षों से सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं दे रहा हो।

मंडल आयुक्तों की सिफारिश के बाद सरकार नए एचएसएससी आयोग का गठन करेगी। मंडल आयुक्तों को अपनी सिफारिशों में उम्मीदवार के बायोडाटा के साथ उसकी एक्टिविटी,  फील्ड की प्रसिद्धी आदि की पूर्ण जानकारी देनी पड़ेगी। इसके साथ-साथ उम्मीदवार पर अगर कोई अपराधिक केस दर्ज है तो उसकी भी संपूर्ण जानकारी अपनी सिफारिश में देनी पड़ेगी। आपराधिक मामलों में अपराध दर्ज होने से दोषी करार देने तक की संपूर्ण जानकारी मांगी गई है।