हरियाणा में 44 करोड़ के डिफाल्टर शराब ठेकेदार ने सीएम को तोला लड्डुओं से
हरियाणा में करनाल में सरकार के 44 करोड़ रुपए दबाए बैठे 'डिफॉल्टर' शराब ठेकेदार CM नायब सैनी के साथ नजर आए हैं। करनाल विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे CM सैनी को डिफाल्टर ठेकेदारों ने लड्डुओं से भी तोला।
इसका पता चलते ही चर्चा होने लगी है कि करोड़ों रुपए की रिकवरी के नोटिस से बचने के लिए शराब ठेकेदारों ने यह चालाकी की है। आबकारी एवं कराधान विभाग की तरफ से इन डिफाल्टरों को नोटिस जारी हो चुके हैं।
जिसमें कहा गया है कि अगर 15 दिन में बकाया राशि जमा नहीं कराई जाती तो विभाग उनकी संपत्ति को अटैच करके पैसा वसूलेगा। ऐसे में चर्चा है कि विभाग की वसूली से बचने के लिए वह CM नायब सैनी को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं।
चर्चा है कि यह कार्यक्रम शुक्रवार को शराब ठेकेदार मुकेश बलड़ी ने किया। जिसमें वे ठेकेदार भी मौजूद थे, जिन्हें विभाग ने बकाया जमा करने के नोटिस दिए हैं।
8 साल से 44 करोड़ दबाए बैठे डिफॉल्टर ठेकेदार करनाल के शराब के डिफॉल्टर ठेकेदार 8 साल से सरकार का लगभग 44 करोड़ रुपए दबाए बैठे है और आज तक आबकारी एवं काराधान विभाग डिफॉल्टरों से रिकवरी ही नहीं कर पाया है। यह शराब ठेकेदार आज से नहीं बल्कि 2015 से डिफॉल्टर चल रहे है और 2015 के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने चहेतों को शराब के ठेके अलॉट हुए और इन डिफॉल्टरों ने दूसरी फर्म बनाकर ठेके अलॉट करवाए।
ऐसा बिना किसी आबकारी की परमिशन के नहीं हो सकता। सवाल यह भी है कि जब संबंधित ठेकेदार डिफॉल्टर हो चुका था तो बार-बार उन्हें ही ठेके क्यों अलॉट हुए। ऐसे में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई जा रही है।
किन लोगों को जारी किया गया है नोटिस विभाग की DETC नीरज ने 4 दिन पहले ही 31 डिफाल्टरों को नोटिस जारी किया है और यह डिफॉल्टर आज के नहीं बल्कि 2015 से लेकर 2019 और 2023 के है। हालांकि डिपार्टमेंटका कहना है कि इस वर्ष का करीब 99 प्रतिशत बकाया आ चुका है। अब पिछला बकाया लेने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए है। इसके साथ ही यह भी चेतावनी डिपार्टमेंट ने जारी की है कि अगर यह बकाया जमा नहीं करवाते है तो यह बकाया डिफॉल्टरों की संपत्ति से वसूली करने के लिए आगामी कदम उठाएगा।
इन ठेकेदारों को बकाया का नोटिस कर चुका विभाग जानकारी के अनुसार शुक्रवार को CM नायब सैनी के स्वागत का कार्यक्रम शराब ठेकेदार मुकेश बलड़ी द्वारा सेक्टर 13 में किया गया। वह 2016 से अब तक डिफॉल्टर चल रहा है। उससे विभाग को 4 करोड़ 41 लाख 445 रुपए वसूलने हैं।
इसी प्रकार रघुबीर सिंह बलड़ी पर एक करोड़ 45 लाख 81 हजार 523 रुपए, हरिंद्र पाल सिंघड़ा पर 2 करोड़ 68 लाख 37 हजार 861 रुपए, प्रदीप मंगलौरा 94 लाख 38 हजार 538 रुपए बकाया हैं।
इसी प्रकार सोनू जींद 22 लाख 71 हजार 788 रुपए, सत्यवान निगदू पर 21 लाख 68 हजार 697 रुपए व दीपक बलड़ी पर 12 लाख 77 हजार 680 रुपए बकाया है। इनको भी नोटिस जारी हुए हैं।
करनाल में शराब ठेकों में जिन डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए हैं, इनमें डिफाल्टर जयकुमार निवासी जींद ने 15 लाख 24 हजार 249 रुपए, जोगिंद्र पाल निवास चंडीगढ़ ने 1 लाख 85 हजार 248 रुपए, जयप्रकाश ने 18 हजार 776 रुपए सरकार के देने
इसी प्रकार बकाएदार अनिल कुमार पानीपत ने 38 हजार 205 रुपए, गुरजंट सिंह बुढनपुर ने 1 करोड़ 30 लाख 49 हजार 571 रुपए, मुकेश कुमार बलड़ी ने 4 करोड़ 41 लाख 445 रुपए, प्रदीप मंगलौरा ने 94 लाख 38 हजार 538 रुपए अदा करने हैं।
रामकुमार नीलोखेड़ी 16 लाख 49 हजार 979 रुपए, संजय कुमार सोनीपत 22 हजार 540 रुपए, सत्यवान निगदू ने 21 लाख 68 हजार 697 रुपए, सोनिया सेक्टर-8 ने 44 हजार 093 रुपए, सोनू कुमार जींद ने 22 लाख 71 हजार 788 रुपए, सुशील करनाल ने 13 लाख 63 हजार 242 रुपए, यतेंद्र गुप्ता सैक्टर-13 ने 36 हजार 673 रुपए, हरदीप सिंह इंद्री ने 1 लाख 59 हजार 455 रुपए बकाया हैं।
ठेकेदार हरिंद्र पाल सिंह गांव सिंगड़ा ने 2 करोड़ 68 लाख 37 हजार 861 रुपए, ओमबीर गांव ब्रास ने 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार 253 रुपए, सतीश अराईपुरा ने 1 करोड़ 14 लाख 30 हजार 108 रुपए, जोगिंद्रपाल ने 56 हजार 792 रुपये, आकाशदीप सैक्टर-13 ने 4 लाख 96 हजार 240रुपए, दीपक कुमार बलडी ने 12 लाख 77 हजार 680 रुपए करनैल सिंह दरड़ ने 1 करोड़ 40 लाख 86 हजार 517 रुपए सरकार को देने हैं।
शराब ठेकेदार कृष्ण कुमार अंजनथली ने 10 लाख 94 हजार 240 रुपए, नरेंद्र नरवाल पानीपत ने 9 लाख 38 हजार 115, प्रदीप कुमार कैथल ने 21 लाख 79200 रुपए, नरेश कुमार अनजथली ने 45 लाख 41 हजार 160 रुपए, दीपक मैहला गांव बलडी, रविंद्र गुप्ता निवासी सेक्टर-13 करनाल, सत्यवान गांव बलडी, रामदयाल गांव बलडी ने 13 करोड 90 लाख 97 हजार 287 रुपए, जरनैल सिंह कैथल ने 92 लाख 11 हजार 930 रुपए दबा रखे हैं।
नरेश एण्ड कम्पनी पानीपत ने 4 करोड़ 39 लाख 43 हजार 907, राजेश जींद ने 2 करोड़ 34 लाख 31 हजार 998 रुपए, सुभाष चंद्र सोनीपत ने 1 करोड़ 44 लाख 56 हजार 568 रुपए, सुरेश कुमार निगदू ने 12 लाख 61 हजार 225 रुपए, रजत गुड़गांव ने 3 करोड 54 लाख 54 हजार 500 रुपए सरकार के देने है।
वहीं इस मामले को लेकर जब विभाग की DETC नीरज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 2015 से अब तक जिन भी शराब ठेकेदारों के पेमेंट बकाया है। उनका कई दिन पहले नोटिस जारी किया जा चुका है। अगर नोटिस मिलने के 15 दिन के अंदर वह पैसे जमा नहीं करवाते तो उनकी संपत्ति को अटैच करने के लिए तहसीलदार को लिखा जाएगा, ताकि सरकारी खजाने के पैसों को उनसे वसूला जा सकें।