हरियाणा में नागरिक अस्पताल के दन्तक सर्जनो ने उपवास रखकर मरीजों का किया इलाज, सरकार पर भेदभाव का लगाया आरोप
हरियाणा सिविल डैन्टल सर्जन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि पिछले 16 वर्षों से दन्तक सर्जनों के साथ भेदभाव को लेकर विरोध स्वरूप आज पूरे हरियाणा में उपवास रखकर ओ.पी.डी. में मौजूद सभी मरीजों की जांच व इलाज किया।
उन्होंने बताया कि हमारी कुछ मांगे हैं जोकि लगातार आश्वासन तक ही सीमित हैं जिन पर अभी तक कोई भी कार्यवाही अमल में नही लाई गई है। जिस कारण एसोसिशन आंदोलन पर जाने को मजबूर है। हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों पंजाब, राजस्थान, उतर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मध्य-प्रदेश, बिहार में दन्तक सर्जन व चिकित्सा अधिकारियों का वेतन समान है।
हरियाणा में कार्यरत 653 दन्तक सर्जनो के साथ हो रहा है भेदभाव
हरियाणा के सरकारी मैडिकल कॉलेज व डैन्टल मैडिकल कॉलेज में भी वेतन समान है। जबकि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में दन्तक सर्जन व चिकित्सा अधिकारियों का वेतन 1984 से 2009 तक समान था। वर्ष 2009 के बाद से दन्तक सर्जन को मिलने वाले वेतन में भेदभाव किया जा रहा है। हम यह बताना चाहते हैैं कि हरियाणा में कार्यरत 653 दन्तक सर्जन ओपीडी, प्रोसिजर के साथ सभी प्रकार के नैशनल प्रोग्राम कार्य करते हैं। यह भी ज्ञात रहे कि कोविड काल में पूरे भारत में हरियाणा के दन्तक सर्जन ने सबसे ज्यादा काम किया है। दन्तक सर्जन को ए.सी.पी. 05 वर्षों की सेवा के बाद शत-प्रतिशत, 11 वर्ष के बाद कैडर का 25 प्रतिशत व 17 वर्ष की सेवा अवधि उपरान्त 20 प्रतिशत को दिया जाता है।
आज इसी कडी में शुक्रवार को नागरिक अस्पताल जीन्द में भी सभी दन्तक सर्जनों ने भूखे रहकर लगभग 215 मरीजों की जांच व इलाज किया।
नरवाना, उचाना, सफीदों, जुलाना, अलेवा आदि स्वास्थ्य संस्थाओं पर दन्तक सर्जनों द्वारा की गई लगभग 450 मरीजों की जांच
जिला जीन्द के सभी पी.एच.सी. व सी.एच.सी जिनमें नरवाना, उचाना, सफीदों, जुलाना, अलेवा आदि स्वास्थ्य संस्थाओं पर दन्तक सर्जनों द्वारा लगभग 450 मरीजों की जांच की। आज के उपवास कार्यक्रम में डॉ. कपिल शर्मा व अन्य दन्तक सर्जन डॉ. पूनम लोहान, डॉ. विशाल पोरस, डॉ. सुरजीत मल्होत्रा, डॉ. रवि राणा, डॉ. दिशा बेनिवाल, डॉ. अमित हुडडा, डॉ. प्रीति, डॉ. ज्योति, डॉ. मोनिका, डॉ. अनिल कादियान, डॉ. बिजेन्द्र नैन, डॉ. कविता वर्मा आदि दन्तक-सर्जन शामिल रहे जिन्होंने पूरे दिन भूखा रहकर मरीजों का इलाज किया।