जींद के मोतीलाल स्कूल में बच्चों ने पौधारोपण कर मनाया पर्यावरण दिवस, शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को बताया पर्यावरण दिवस का महत्व
मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय के शिक्षकों ने यह साबित कर दिया कि सच्चे शिक्षकों के लिए शिक्षा और मार्गदर्शन किसी भी परिस्थिति में रुकता नहीं है। गर्मी की छुट्टियों के बावजूद, शिक्षकों ने अपने विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहने का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, उन्होंने विद्यार्थियों को इस महत्वपूर्ण दिवस के महत्व और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक विशेष ऑनलाइन क्लास का आयोजन किया।
इस ऑनलाइन क्लास में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पर्यावरण दिवस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। शिक्षकों ने बताया कि 1974 में पहली बार मनाए गए पर्यावरण दिवस का उद्देश्य विश्व भर में पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित करना है। इस वर्ष के पर्यावरण दिवस की थीम 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' थी, जो प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ वैश्विक संघर्ष का समर्थन करती है।
शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार प्लास्टिक कचरा नदियों, समुद्रों और भूमि को प्रदूषित कर रहा है और इसके कारण वन्यजीवन और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्लास्टिक के विकल्प और इसके उपयोग को कम करने के उपायों पर भी चर्चा की।
विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपायों के प्रति प्रेरित करने के लिए, शिक्षकों ने कई रोचक गतिविधियों का आयोजन किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने आसपास के क्षेत्रों की सफाई करने, पौधे लगाने और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए प्रेरित किया। इस ऑनलाइन क्लास के दौरान विद्यार्थियों ने अपने-अपने घरों से पौधे लगाते हुए और कचरा एकत्र करते हुए फोटो और वीडियो साझा किए, जिससे एक सकारात्मक माहौल बना।
शिक्षकों ने इस अवसर पर यह भी बताया कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन का कार्य नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि वे अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके भी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। जैसे कि रीसायकलिंग, पुन: उपयोग, ऊर्जा की बचत, पानी की बचत और स्थानीय उत्पादों का समर्थन करना।
ऑनलाइन क्लास के अंत में, विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण के संकल्प लिए। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करेंगे, ऊर्जा और पानी की बचत करेंगे, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएंगे।
विद्यालय प्राचार्य रविंद्र कुमार, प्रशासक वीपी शर्मा और हेड कोऑर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार जी ने कहा कि विद्यालय के शिक्षकों ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण से यह साबित कर दिया कि शिक्षा का कार्य अवकाश या कठिन परिस्थितियों में भी नहीं रुकता। उनके इस प्रयास से न केवल विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता मिली, बल्कि उन्होंने एक सकारात्मक दृष्टिकोण और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित की। इस प्रकार की पहलें वास्तव में सराहनीय हैं और अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।