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 New Expressway: इस राज्यवासियों को मिली 24 हजार करोड़ी एक्सप्रेसवे की सौगात, अब इन जिलों की होगी बल्ले बल्ले 

वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तीन दिवसीय वैशाली प्रवास में अभिषेक पुष्करणी पोखर के किनारे जनता दरबार लगाकर क्षेत्र के विकास का वादा किया था। इसके बाद पोखर की लोहे से घेराबंदी की गई और पौधारोपण किया गया, लेकिन पौधे सूख गए और स्ट्रीट लाइटें नहीं जलीं। अब केंद्रीय बजट में की गई घोषणा से यहां के विकास की उम्मीद जगी है।
 
Bihar New Expressway

Bihar New Expressway: वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तीन दिवसीय वैशाली प्रवास में अभिषेक पुष्करणी पोखर के किनारे जनता दरबार लगाकर क्षेत्र के विकास का वादा किया था। इसके बाद पोखर की लोहे से घेराबंदी की गई और पौधारोपण किया गया, लेकिन पौधे सूख गए और स्ट्रीट लाइटें नहीं जलीं। अब केंद्रीय बजट में की गई घोषणा से यहां के विकास की उम्मीद जगी है।

बजट में बिहार को 24 हजार करोड़ रुपये के तीन एक्सप्रेस-वे का उपहार मिला है, जिनमें से एक बुद्ध सर्किट को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बोधगया से बौद्ध मतावलंबी शीघ्र और सुगमता से वैशाली पहुंच सकते हैं। यह योजना वैशाली के विकास के लिए अहम कड़ी साबित होगी।

वैशाली को रेलमार्ग से जोड़ने का प्रयास 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। हाजीपुर-सुगौली रेल परियोजना की नींव डाली गई थी, लेकिन 20 वर्षों बाद भी यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी है। 2020 से हाजीपुर से घोसवर होते हुए वैशाली तक ट्रेन चलने लगी और बाद में इसका विस्तार पारू तक कर दिया गया है।

बुद्ध स्मृति स्तूप और संग्रहालय के निर्माण के बाद विश्व भर के बौद्ध देशों के श्रद्धालु एवं अन्य देशों के पर्यटक यहां आएंगे। अब यह स्थल बोधगया से सीधे जुड़ जाएगा तो वहां आने वाले पर्यटक सहजता से वैशाली आ सकेंगे। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।