अब देश में पोलियो की तरह टीबी भी जड़मूल से होगी खत्म, प्रशासन ने चलाई मुहिम
जींद जिले में डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि जिस प्रकार से देश से पोलियो को समाप्त किया है, इसी प्रकार से टीबी को भी दूर भगाना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी सार्थक भूमिका अदा करनी होगी। टीबी को लोग सामाजिक बुराई भी मानते है, ऐसे में टीबी ग्रस्त लोगों को जागरूक करें कि वे टीबी का पूरा ईलाज लें, ईलाज को अधर में न छोड़ें। ईलाज बीच में ही छोड़ देने से मरीज के लिए और अधिक दिक्कत बनती है। उन्होंने कहा कि टीबी का पूर्णरूप से उपचार है और और यह हर अस्पताल में फ्री दिया जाता है।
डीसी सोमवार को लघु सचिवालय स्थित कॉफ्रेंस हॉल में केंद्र सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत ग्रामीण अंचल में निर्धारित पैरामीटर पर खरा उतरने वाली 19 ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने के दौरान अपना संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी को जड़मूल से समाप्त करने के लिए उपचार के साथ-साथ जागरूकता भी जरूरी है। ऐसे में टीबी को जड़मूल से समाप्त करने के लिए लोगों में उपचार लेने के बारे में जागरूकता लानी होगी। इसमें ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने टीबी मुक्त अभियान में अपनी अहम भूमिका निभानी वाली ग्राम पंचायतों को अपनी ओर से शुभकामनाएं भी दी।
सिविल सर्जन डॉक्टर गोपाल गोयल और उप सिविल सर्जन एवम टीबी प्रभारी डॉ. पाले राम ने डीसी का स्वागत किया और स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी मुक्त अभियान को लेकर चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गांवों के लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए हुए थे। जिले में ऐसे 19 गांव हैं जो भारत सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में सभी पैरामीटर पर खरे पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक की समयावधि निर्धारित की गई थी।
डीसी ने जिले की इन ग्राम पंचायतों को किया सम्मानित
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कार्यक्रम के दौरान उझाना ब्लॉक से गांव नारायणगढ़, दाता सिंह वाला, रेवर, नरवाना ब्लॉक से गांव खानपुर, उचाना ब्लॉक से गांव तारखा, उदयपुर और नचार खेड़ा, पिल्लू खेड़ा ब्लॉक से गांव खरक गादिया, मालसरी खेड़ा और लुदाना, सफीदो ब्लॉक से गांव जयपुर और रजाना खुर्द, जुलाना ब्लॉक से गांव बूढ़ाखेड़ा लाठर, भगता खेड़ा, बहबलपुर, किशनपुरा और पडाना तथा जींद ब्लॉक से गांव रामरा खेड़ा और लखमीरवाला के ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह व प्रशंसा पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ये पैरामीटर की गए थे निर्धारित
ग्रामीण अंचल के लिए चलाए गए टीबी मुक्त भारत अभियान के जो पैरामीटर निर्धारित किए गए थे, उनमें 1000 की आबादी पर कम से कम 30 प्रतिशत लोगों के टीबी टेस्ट हुए हुए हों, 1000 की आबादी पर एक या एक भी टीबी का मरीज नही मिला हो, इलाज का सक्सेस रेट 85 प्रतिशत रहा हो, बलगम टीबी से संबंधित मरीज का 60 प्रतिशत सीबीनेट टेस्ट हुआ हो, इस टेस्ट से यह पता चलता है कि बलगम से संबंधित मरीज पर कौन सी दवाई काम करती है। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत सभी मरीजों को सही पोषण के लिए 500 रुपए प्रतिमाह मिले हों और और प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सभी मरीज किसी न किसी ग्रामीण द्वारा गोद लिए हो, जिसमें गोद लेने वाले व्यक्ति द्वारा मरीज को उपचार के दौरान पोषण किट जाती है।