नूंह: हिंसा का दर्द: बचे लोगों ने बताई दिल दहला देने वाली दास्तां, रोंगटे खड़े कर देंगी आपबीती
नूंह में हिंसा के दौरान गोली लगने से घायल हुए पानीपत के युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। नूंह में फंसे पानीपत के 99 लोग सुरक्षित पानीपत पहुंच गए है। वह डरे सहमे हुए है। फिलहाल वह इतना बता रहे है कि बहुत खरतनाक मंजर था, जिसका वह शब्दों में बयान नहीं कर सकते। इस उपद्रव के बाद पानीपत पुलिस भी अलर्ट हो गई। एसपी अजीत सिंह शेखावत ने सभी थाना प्रभारियों में क्षेत्र गश्त करने और संदिग्ध व्यक्ति दिखने पर उससे पूछताछ करने के आदेश दिए है
भोले की भक्ति में मग्न थे, इसी बीच बरसे पत्थर- संजय नरवाल
समालखा के संजय नरवाल ने बताया कि बस में सवार होकर नलहड़ मंदिर से गौरीशंकर मंदिर की तरफ बढ़ रहे थे। बस में माहौल भक्ति से सरोबार था। सभी भोले की भक्ति में लीन थे, इसी बीच बस पर पथराव हुआ। उन्होंने पहले समझा कि किसी ने शरारत की है, लेकिन बाहर देखा तो उपद्रव उनकी आंखों के सामने था। पहले लगा कि वह बड़ी मुसीबत में फंस गए है, इसी बीच पुलिस के 100 से अधिक जवानों ने उन्हें बचाया
हिंसा में ताजपुर के काशी यादव की नई गाड़ी उपद्रवियों ने जलाई
नूंह में स्थापित नल्हड़ शिव मंदिर की ब्रज मण्डल यात्रा में शामिल हुए अटेली क्षेत्र के 6 युवक बड़ी मुश्किल से जान बचाकर घर लौटे हैं। यात्रा दोपहर 1 बजे शिव मंदिर से पूरे काफिले के यात्रा आरम्भ हुई थी, जिसको विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री सुरेंद्र जैन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उन्होंने बताया कि यात्रा लगभग एक किलोमीटर तक ही पहुंची थी कि उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। साथ ही फायरिंग भी करने लगे
शाम 5 बजे के बाद पुलिस दल पहुंचा
यात्रा में शामिल महिलाएं व बच्चों की संख्या भी अधिक थी। भागदौड़ कर मंदिर परिसर में जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन मंदिर के भी चारों ओर से उन लोगों ने घेराबंदी कर ली थी। काफी संख्या में वाहनों को आग के हवाले किया गया। पीड़ित ने बताया कि शाम 5 बजे तक मंदिर परिसर में रोने चीखने दौर चलता रहा। बाहर से पत्थर व गोलियों की बौछार हो रही थी। शाम 5 बजे के बाद पुलिस दल पहुंचा। उसके उपरांत सभी श्रद्धालुओं को पुलिस लाइन में लाया गया। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का दौर चला। भोर होने पर पुलिस की सुरक्षा में केएमपी तक सरकारी वाहनों से छोड़ा गया।
रात भर भूखे पेट रहे
गांव गुजरवास निवासी अजीत सिंह भी नूंह ब्रज मण्डल यात्रा में शामिल होने गया था। उसने बताया कि यात्रा से पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था। उसके बाद भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया और यात्रा के लिए निकल पड़े थे। किसी को आभास ही नहीं था कि इस तरह की हिंसा को अंजाम दिया जाएगा। मंदिर परिसर में छुपकर जान तो बचा ली, लेकिन वो पल आंखों से ओझल नहीं हो रहा। रात भर भूखे पेट दुबके रहे। महिलाओं व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। पुलिस प्रशासन भी उनकी हरकत व संख्या के आगे बौना साबित हो गया था। अन्य जिलों से अतिरिक्त पुलिस दल पहुंचने के बाद सुरक्षित निकाला गया।
गाड़ी लेने की खुशी में यात्रा में हुए शामिल, गाड़ी जली
गांव ताजपुर निवासी काशी यादव ने अभी कुछ रोज पहले नई आर्टिका गाड़ी ली थी। उसी की खुशी में नल्हड़ शिव मंदिर नूंह में जल चढ़ाने वह परिवार के साथ गया था। जलाभिषेक करने के बाद ब्रज मण्डल यात्रा में शामिल हुआ, लेकिन उपद्रवियों ने गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया।
सिरसा 12 सदस्य लौटे वापस, एक के लगी चौट गाड़ी भी टूटी
सिरसा में पहुंचे बजरंग दल के प्रांत मिलन केंद्र प्रमुख हरियाणा सुरेंद्र पूनिया ने बताया कि वह सोमवार सुबह चार बजे सिरसा से यात्रा में शामिल होने के लिए गए थे। सोमवार दोपहर करीब दो बजे नूंह में एक समुदाय की ओर से उन के काफिले पर हमला व गोलीबारी कर दी। किसी तरफ से पत्थर चलाए गए तो किसी क्षेत्र से पेट्रोल बम बरसाए गए। हमलावरों ने पहले ही वहां पर पराली और अन्य बंदोबस्त किए थे। काफिले के पहुंचते ही उन्होंने अवैध हथियारों से गोलियां चला दी
कई लोगों की मौत भी हो गई
उनकी गाड़ी के आगे बस चल रही थी। जिसको हमलावरों ने आग के हवाले कर दिया। जबकि वह गाड़ी से निकलकर बाहर भाग गए और अपनी जान बचाई। उनके आसपास के लोगों को गोलियां भी लगी है। जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो गई। रात करीब साढ़े सात बजे सीआरपीएफ की टुकड़ी ने उन्हें वहां से निकालना शुरू कर दिया। इसके पश्चात ही वह वहां से सुरक्षित निकल पाए है। वहीं उन्होंने आरोप लगाए कि पुलिस भी उक्त हमलावरों के साथ मिली हुई थी। पुलिस की ओर से उन्हें रोकने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए गए।
श्रद्धालु युवक योगेश के पैर में चोट- गोली का छर्रा लगने का दावा
मामले की जानकारी देते हुए भूना निवासी महेश हंस ने बताया कि जिले से 40 लोग सोमवार सुबह 5:30 बजे बस में सवार होकर नूंह के लिए रवाना हुए थे। इनमें ज्यादातर भूना व आसपास के लोग थे। सभी सुबह 11 बजे वहां पहुंच गए थे और यात्रा 1 बजे शुरू हो गई थी, लेकिन वे कुछ पीछे थे। उन्हें उपद्रव के बारे में सूचना मिली तो उन्होंने वहां से सुरक्षित निकलने के लिए चालक ने दूसरे रूट पर बस दौड़ा दी
4-5 अन्य लोगों को चोटें लगी
जिस सड़क पर जा रहे थे, उस सड़क पर भी आगे उन्हें दोनों तरफ काफी संख्या में युवक खड़े मिले। जिन्होंने बस पर अचानक पथराव शुरू कर दिया। इससे बस के शीशे टूट गए और उनके सहित 4-5 अन्य लोगों को चोटें लगीं। उन्होंने बताया कि बस को ड्राइवर ने रोका नहीं और वहां से सुरक्षित निकाल लाया। उन्होंने बताया कि वहां से रास्ते में उन्हें पुलिस चौकी दिखाई दी। वे चौकी में गए तो वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं था, पूरी चौकी खाली पड़ी थी
तत्काल कोई सहायता नहीं मिल पाई
इसके बाद डायल 112 हेल्पलाइन नम्बर पर फोन किया। मगर तत्काल कोई सहायता नहीं मिल पाई। इस कारण सभी ने जान को खतरा मानकर वहां से वापस फतेहाबाद जाने का फैसला लिया। इसके बाद देर रात सभी भूना पहुंचे। परिजनों को सूचना दी गई। जो भूना के थे वो शहर में उतर गए। बाकी अपने अपने परिजनों के साथ घर चले गए