अरे वाह ! यह एक्सप्रेसवे तो बिजली भी पैदा करेगा, इसी के साथ....
Bundelkhand Expressway: बुन्देलखण्ड राजमार्ग परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य न केवल एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण का एक अनूठा मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।
यह परियोजना न केवल प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करेगी बल्कि नवीन ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ेगी।
बुन्देलखण्ड राजमार्ग के किनारे 25 हजार से अधिक पौधे रोपे जायेंगे। इन पौधों से न सिर्फ सड़क के दोनों किनारों पर हरियाली बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण भी बेहतर होगा। यह कार्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
बुन्देलखण्ड राजमार्ग के दोनों ओर 1700 एकड़ क्षेत्रफल में विशाल सोलर पार्क विकसित किया जायेगा। सौर फार्म में 450 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता होगी, जो नवीनतम ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का एक अनूठा संयोजन पेश करेगा।
सौर पार्क न केवल ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा बल्कि स्थिर ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को भी प्रोत्साहित करेगा।
यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित की गई थी। इसमें निवेशकों को 25 साल के लिए लीज पर जमीन देना शामिल होगा। सरकार ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए लाभप्रद शर्तें दी हैं, जिससे उन्हें आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस परियोजना को ''पहला और एकमात्र प्रयोग'' बताया. बुन्देलखण्ड में राजमार्ग के दोनों ओर सोलर पार्क का विकास ऊर्जा संरक्षण एवं सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में एकीकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है।
यूपी पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डाॅ. आशीष गोयल ने कहा कि सौर ऊर्जा नीति के तहत निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किये जायेंगे। ये प्रोत्साहन न केवल परियोजना की लागत को कम करेंगे बल्कि दीर्घकालिक निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनेंगे।