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चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 
 
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अनीता दुआ पहुंची। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन व डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. एस.के. सिन्हा ने पौध पात्र देकर उनका स्वागत किया। प्रो. अनीता दुआ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप किस प्रकार पोस्ट ग्रेजुएशन का सिलेबस डिजाइन किया जाए। कार्यशाला में इस विषय पर विस्तार पूर्वक वहां उपस्थित विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक व विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य व प्राध्यापकों को समझाया।


उन्होंने कहा कि जब हम कोई भी पोस्ट ग्रेजुएशन का पाठ्यक्रम डिजाइन करते हैं तो हमे अंडर ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रम को ध्यान रखना होता है क्योंकि पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी नौकरी के लिए जाना होता है और बहुत से विद्यार्थी अपना खुद का स्टार्ट अप भी करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने पाठ्यक्रम का सिलेबस डिजाइन किया है क्योंकि दो साल का पाठ्यक्रम है जिसमे पी.जी. कोर्स पहले के अनुरूप चल रहा है और अब को नए अनुरूप में आगे चलेगा अब एन.ई.पी 2020 के अनुसार पी.जी. में विद्यार्थी एक साल पूरा करने के बाद अगर किसी कारणवश उसे बीच में छोड़ देता है तो उसे इंटरशिप पूरी करने के बाद एक साल का पी.जी. डिप्लोमा दिया जाएगा और अब विद्यार्थी ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन को मिलाकर 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स भी कर सकता है।

इसमें चार प्रकार के फ्रेमवर्क डिजाइन किए गए जिनके अनुसार विभिन्न प्रकार के कोर्सेज के पाठ्यक्रम डिजाइन किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पोस्ट ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रमों को तैयार करना है किसी भी कोर्स को आगे बढ़ाने में पाठ्यक्रम एक भूमिका निभाता है।