India H1

खाद्य सुरक्षा विभाग का आदेश ! दुग्ध विक्रेताओं के लिए पंजीकरण और लाइसेंस अनिवार्य

खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य दूध की शुद्धता सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को मिलावटी दूध से बचाना है। सभी दुग्ध विक्रेताओं को नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, ताकि मिलावट पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।
 
Food Safety Department

Food Safety Department Update: खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य दूध की शुद्धता सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को मिलावटी दूध से बचाना है। सभी दुग्ध विक्रेताओं को नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, ताकि मिलावट पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।

मिलावटी दूध के बढ़ते मामलों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब सभी दुग्ध विक्रेताओं को पंजीकरण कराना होगा और परिचय पत्र (आइडी कार्ड) प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, पांच सौ लीटर से अधिक दूध की बिक्री करने वाली डेयरियों को लाइसेंस लेना होगा।

दुग्ध विक्रेताओं के लिए नई नियमावली

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने दूध में मिलावट की रोकथाम के लिए नए नियम सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश में दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।

जुर्माने का प्रावधान

मिलावट की पुष्टि होने पर दुग्ध विक्रेताओं को दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, जो विक्रेता पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा और फिर उनका दूध जब्त कर लिया जाएगा।

खाद्य सुरक्षा विभाग की योजना

सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि अभियान चलाकर दूधियों का पंजीकरण कराया जाएगा और उन्हें परिचय पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। यह अभियान उन विक्रेताओं की पहचान के लिए भी होगा, जो दूध में मिलावट करते हैं।