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पानीपत जिले के लोगो को ट्रेफिक से मिलेगा निजात, राज्य ने केंद्र सरकार को भेजा ये प्रपोजल, जानिए 

शहर में यातायात की समस्या को उठाते हुए संजय सिंह ने कहा कि बाईपास आवश्यक था। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 3.8 किलोमीटर लंबे बाईपास के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करा रही है।
 
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indiah1, चंडीगढ़। औद्योगिक शहर पानीपत में यातायात की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। शहर में बने एलिवेटेड फ्लाईओवर पर अब तीन प्रवेश और निकास बिंदु बनाए जाएंगे। फ्लाईओवर पानीपत टोल प्लाजा से शुरू होता है और सिवाह में समाप्त होता है। फिलहाल कोई कटौती नहीं की गई है। सरकार ने सफीदों, असंध और शामली सड़कों से इस फ्लाईओवर पर प्रवेश और निकास बिंदु प्रदान करने का निर्णय लिया है।


इस संबंध में एक प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है। पानीपत शहर के विधायक प्रमोद कुमार विज ने शहर में बढ़ते यातायात और उसके परिणामस्वरूप भीड़ का हवाला देते हुए एक बाईपास के निर्माण की मांग की। जवाब में, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने फ्लाईओवर पर बनाए जाने वाले प्रवेश और निकास बिंदुओं का खुलासा किया।


पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल सिंह ढांडा, जिन्हें ढाई साल से वन मंजूरी नहीं मिली थी, उन्हें भी प्रमोद विज का समर्थन करते देखा गया। उन्होंने ड्रेन नंबर-2 पर बरसट से सनौली तक सड़क का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह सड़क ढाई साल से वन मंजूरी नहीं मिलने के कारण रुकी हुई है। दुष्यंत ने कहा कि वन विभाग से जल्द से जल्द एनओसी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पानीपत से रोहतक और पानीपत से शामली तक की सड़क शहर के लिए पश्चिमी बाईपास के रूप में काम कर रही है।


सोहना से भाजपा विधायक संजय सिंह ने तावरू शहर में एक बाईपास के निर्माण का मुद्दा उठाया। यह घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। हालांकि, दुष्यंत ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है। शहर में यातायात की समस्या को उठाते हुए संजय सिंह ने कहा कि बाईपास आवश्यक था। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 3.8 किलोमीटर लंबे बाईपास के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करा रही है।

पक्के गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक ने मुख्यमंत्री किसान खेत बरनाला सड़क योजना के तहत प्रत्येक विधायक के लिए 25 किलोमीटर तक की कृषि सड़कें बनाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा भेजी गई सूची काम नहीं कर रही थी। विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि इस योजना के तहत केवल तीन से चार करम मार्ग ही पक्का किए गए हैं। योजना में दो कर्म पथ शामिल नहीं हैं। उन्होंने सभी विधायकों से केवल तीन और चार कराम सड़कों की सूची भेजने का भी आग्रह किया।