हिसार, फतेहाबाद का प्रदूषण स्तर हुआ जानलेवा, 400 पार पहुंचा AQI
HARYANA AQI: हरियाणा प्रदेश के हिसार और फतेहाबाद जिले में प्रदूषण का स्तर (AIR QUALITY INDEX) बढ़ने से जानलेवा हो गया है। प्रदेश के हिसार और फतेहाबाद जिले में तो AQI का स्तर 500 से भी ऊपर पहुंच गया है। हिसार और फतेहाबाद के अलावा प्रदेश के कई जिलों में इस समय वायु प्रदूषण का स्तर 400 से ऊपर हो चुका है। जिस कारण से सबसे अधिक परेशानी सांस के रोगियों को उठानी पड़ रही है। इस समय प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदूषण स्तर (HARYANA AIR QUALITY INDEX) की बात करें तो भिवानी, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, जींद, फरीदाबाद और सिरसा में वायु प्रदूषण (AQI)का स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। वही करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल, यमुनानगर और रोहतक आदि जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर 350 से ऊपर दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में अगर हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली पर पूर्ण रूप से रोक नहीं लगाई गई तो वायु प्रदूषण (AQI) लेवल और भी खतरनाक हो सकता है।
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लाहौर में जानलेवा स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण (AQI) करेगा हरियाणा और पंजाब की हवा खराब
हरियाणा और पंजाब क्षेत्र के लोगों को सबसे अधिक खतरा इस समय लाहौर में चल रहे वायु प्रदूषण के स्तर से है। लाहौर में इस समय वायु प्रदूषण (AQI) 2 दिन पहले 1600 से ऊपर दर्ज किया गया है। अगर हवा का रुख बदलता है और यह वायु प्रदूषण हरियाणा और पंजाब की तरफ अपना रुख मोड़ लेता है तो आने वाले दिनों में इन दोनों राज्यों का वायु प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक हो सकता है।
लाहौर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण हरियाणा और पंजाब के लोगों के लिए आफत बन सकता है। आपको बता दें कि 2 दिन पहले लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1600 के आसपास था। हालांकि मंगलवार सुबह लाहौर का AQI 666 दर्ज किया गया, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली। अगर हवा का रुख बदलता है तो भारत के हरियाणा और पंजाब राज्यों के लोगों को सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान सांस के रोगी मरीज को अधिक परेशानी होने की संभावना है।
आपको बता दें कि हाल ही में देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया था। लेकिन दिवाली के बाद दोनों ही राज्यों पंजाब और हरियाणा के अधिकतर शहरों की हवा जहरीली हो गई है। हरियाणा में वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर फतेहाबाद और हिसार जिले के अंदर देखने को मिल रहा है। इन दिनों बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फतेहाबाद और हिसार का AQI 500 तक पहुंच गया है। इसके अलावा राज्य के 8 शहरों का AQI लेवल 400 से ऊपर दर्ज किया गया है।
बारिश होने पर लोगों को मिल सकती है वायु प्रदूषण से निजात
इस समय हरियाणा प्रदेश के फतेहाबाद और सिरसा सहित अनेक जिलों में वायु प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच चुका है। प्रदूषण के इस स्तर से लोगों को अगर बारिश होती है तो कुछ निजात मिलने के आसार हैं। लेकिन मौसम विभाग की माने तो 15 नवंबर तक प्रदेश के अंदर बारिश तो दूर की बात है बूंदाबांदी होने की भी संभावना नहीं है। आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब सरकार प्रदूषण से निजात पाने हेतु बारिश की उम्मीद लगाए बैठी हैं। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार 15 नवंबर तक बारिश होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि उत्तर भारत में आने वाले हरियाणा और पंजाब राज्य में सर्दियों में बारिश का बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस होता है। लेकिन वर्तमान में किसी भी प्रकार का वेस्टर्न डिस्टरबेंस बन नहीं पा रहा है। जिस वजह से इन राज्यों में 15 नवंबर तक बारिश होने की संभावना ना के बराबर हैं।
इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी हरियाणा और पंजाब राज्य में मौसम परिवर्तन को रोक रहा है। बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण अभी तक हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। वही तापमान की बात करें तों नवंबर में तापमान सामान्य से 1 से 2 डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान है।
हरियाणा में पिछले 24 घंटे में नहीं मिला एक भी पराली जलाने का मामला
हरियाणा प्रदेश के साथ-साथ पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के स्तर का मुख्य कारण हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली को माना जाता है। हालांकि पिछले 24 घंटे में हरियाणा प्रदेश के अंदर पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया। आपको बता दें कि इन दिनों दिवाली पर हुए पटाखों से प्रदूषण के साथ-साथ किसानों द्वारा खेतों में जलाई जाने वाली पराली से उठने वाला दुआ भी वायु प्रदूषित करने में अहम रोल अदा करता है। हालांकि पिछले 24 घंटे में हरियाणा में 0, पंजाब में 13 मामले सामने आए। पंजाब सोमवार को खेतों में आग लगने की घटनाओं में सुधार दर्ज किया गया और यहां आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं। पंजाब प्रदेश में पराली में आग लगाने की इन 13 घटनाओं को मिलाकर कुल संख्या 4,145 हो गई है। पंजाब प्रदेश में आग की ये घटनाएं फिरोजपुर, संगरूर, बठिंडा, पटियाला और फरीदकोट में सामने आई।