हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों को 09 साल से नहीं मिले 134ए के 700 करोड़ रुपये, प्राइवेट स्कूल संचालकों में भारी रोष
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों को नियम 134ए के तहत 09 साल से करीब 700 करोड़ रुपये नहीं मिले। प्राइवेट स्कूल संचालकों का यह पैसा हरियाणा सरकार की तरफ बकाया है। जिसे सरकार देने में आनाकानी कर रही है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेल राम, महासचिव पवन राणा व रणधीर पूनिया, प्रांतीय वरिष्ठ उप प्रधान संजय धत्तरवाल व अशोक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से सितंबर 2022 में कक्षा दूसरी से आठवीं तक दाखिल ऐसे बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोला गया था।
जिस पर आवेदन करने के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी स्कूलों को कुछ नहीं मिला। वहीं दूसरी तरफ 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए सत्र 2015-16 से लेकर आज तक एक भी पैसा किसी स्कूल को नहीं मिला। बीते 09 वर्षों में सैकड़ों बार उच्च अधिकारियों व शिक्षा मंत्री से प्राइवेट स्कूल संचालक मिलकर गुहार लगा चुके हैं। लेकिन आज तक आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। इससे प्राइवेट स्कूल संचालकों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी है।
मांग पूरी नहीं हुई तो विस चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
सत्यवान कुंडू का कहना है कि हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने गरीब बच्चों की पढ़ाई का 134ए का पैसा स्कूलों को देने, स्कूल सोसाइटियों पर लगाए गए नाजायज जुर्माना माफ करने, स्कूल बसों की एनओसी लेते समय टैक्स के साथ लगाए जा रही पेनेलिटी को समाप्त करने, दस वर्ष बाद स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से रिव्यू के नाम पर दोबारा से दो नंबर फॉर्म भरने के आदेश को रद्द करने, नियमों को सरल कर- के एग्जिस्टिंग, एमआईएस पोर्टल, परमिशन व अस्थाई स्कूलों को मान्यता देने, प्लेज मनी को कम करने, आरटीई व चिराग योजना की राशि देने, स्कूलों में सोलर लगवाने पर सब्सिडी देने, बस ड्राइवर या किसी अन्य कर्मचारी की गलती की सजा स्कूल प्रिंसिपल व डायरेक्टर को न देने, बसों की आयु सीमा 20 वर्ष करने मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है। अगर अब भी मुख्यमंत्री को पत्र में लिखी गई इन मांगों को सरकार ने पूरा नहीं करती तो सरकार को विधानसभा
चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।