हरियाणा में यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध ! ओपीएस बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी
UPS: शनिवार को केंद्र सरकार ने नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की, जिसे नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के स्थान पर लाया जा रहा है। सरकार का दावा है कि UPS सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन लाभ प्रदान करेगी। हालांकि, इस नई स्कीम को लेकर सरकारी कर्मचारियों में असंतोष और विरोध भी देखने को मिल रहा है।
ओपीएस बहाली की मांग
हरियाणा में 1 अक्टूबर 2024 को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध करते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली की मांग को लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है। समिति का मानना है कि UPS कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं है और ओपीएस की बहाली ही एकमात्र समाधान है।
कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि UPS की घोषणा महज चुनाव से पहले का एक राजनीतिक कदम है। महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, और जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं, और इस घोषणा को चुनावी परिणामों को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह घोषणा राजनीति से प्रेरित नहीं है।
कर्मचारियों का विरोध और बयान
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने इस मुद्दे पर कहा, "हमारी मांग बहुत स्पष्ट है - ओपीएस बहाल किया जाए। UPS को हम राजनीतिक चाल मानते हैं, और इसे हम स्वीकार नहीं करेंगे।"
हरियाणा मजदूर संगठन के धर्मबीर हुड्डा ने भी UPS के विरोध में कहा, "UPS मामूली बदलावों के साथ NPS जितना ही अच्छा है। यह एक राजनीतिक स्टंट के अलावा कुछ नहीं है। हमारी मांग ओपीएस की बहाली है।"
सरकारी कर्मचारियों के बीच UPS की घोषणा को लेकर असंतोष है, और ओपीएस की बहाली की मांग पूरे राज्य में जोर पकड़ रही है। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, यह मुद्दा चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।