राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा अब मंत्री से लेकर अफसरों तक काम का लेंगे लेखा जोखा, 4 जून बाद लापरवाह अफसरों की छुट्टी तय!
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य के कई आई. ए. एस. अधिकारियों के अध्यक्ष बनने की उम्मीद है।
May 23, 2024, 13:20 IST
Rajasthan News: विधानसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य के कई आई. ए. एस. अधिकारियों के अध्यक्ष बनने की उम्मीद है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और पिछले 100 दिनों में किए गए कार्यों का ब्यौरा मांगेंगे।
जिन अधिकारियों का प्रदर्शन खराब होगा, उन्हें छुट्टी दी जानी तय है। लोकसभा चुनाव 4 जून को एक ही चरण में होंगे। एक-दो दिन में चुनाव होंगे। यानी 6 जून को आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री अधिकारियों के काम की समीक्षा करेंगे। माना जाता है कि इस समीक्षा की नौकरशाही में एक बड़ा बदलाव आसन्न है।
100 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम करने का निर्देश
मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल ने सभी विभागों को 100 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम करने का निर्देश दिया था। विभागों द्वारा तय किए गए कार्यों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी मंजूरी दी गई थी। कुछ विभागों के अधिकारी भी हैं जिन्होंने 16 मार्च तक 100-दिवसीय कार्य योजना तैयार नहीं की थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू कर दी गई और मुख्यमंत्री की मंजूरी अटक गई। यहां तक कि जिन कार्यों को मंजूरी दी गई थी, वे भी क्षेत्र में नहीं किए जा सके। कई विभागों से सूचना मिली है कि कार्य योजना के अनुसार संतोषजनक काम नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को छुट्टी दी जानी तय है।
लापरवाही पर ले रहे Action
मुख्य सचिव सुधांश पंत, जो हर शिकायत पर प्रतिक्रिया ले रहे हैं, दैनिक आधार पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इन बैठकों में काम की समीक्षा की जा रही है और इसके बाद मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं। लंबित फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जा रहा है।
100 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम करने का निर्देश
मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल ने सभी विभागों को 100 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम करने का निर्देश दिया था। विभागों द्वारा तय किए गए कार्यों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी मंजूरी दी गई थी। कुछ विभागों के अधिकारी भी हैं जिन्होंने 16 मार्च तक 100-दिवसीय कार्य योजना तैयार नहीं की थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू कर दी गई और मुख्यमंत्री की मंजूरी अटक गई। यहां तक कि जिन कार्यों को मंजूरी दी गई थी, वे भी क्षेत्र में नहीं किए जा सके। कई विभागों से सूचना मिली है कि कार्य योजना के अनुसार संतोषजनक काम नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को छुट्टी दी जानी तय है।
लापरवाही पर ले रहे Action
मुख्य सचिव सुधांश पंत, जो हर शिकायत पर प्रतिक्रिया ले रहे हैं, दैनिक आधार पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इन बैठकों में काम की समीक्षा की जा रही है और इसके बाद मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं। लंबित फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जा रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही पर मिलने वाली हर शिकायत पर मुख्यमंत्री स्वयं प्रतिक्रिया ले रहे हैं। मुख्यमंत्री लगातार बिजली, जल, परिवहन, यूडीएच, कृषि, ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने लोगों से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया।