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Rajasthan News: भजनलाल सरकार ने गांधी वाटिका न्यास को खत्म करने का लिया बड़ा फैसला

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के एक महत्वपूर्ण फैसले को पलटते हुए गांधी वाटिका न्यास को समाप्त कर दिया है। इस निर्णय से गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन को लेकर नया मोड़ आया है। 85 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संग्रहालय को अब तक जनता के लिए नहीं खोला गया था।
 
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Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के एक महत्वपूर्ण फैसले को पलटते हुए गांधी वाटिका न्यास को समाप्त कर दिया है। इस निर्णय से गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन को लेकर नया मोड़ आया है। 85 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संग्रहालय को अब तक जनता के लिए नहीं खोला गया था।

भजनलाल सरकार का निर्णय

मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने न्यास में उपाध्यक्ष को असीमित शक्तियां दी थीं, जिसमें संपत्ति बेचने का भी अधिकार शामिल था। इसके साथ ही, अध्यक्ष को भी उपाध्यक्ष से चर्चा किए बिना किसी को हटाने की अनुमति नहीं थी। इस कारण से गांधी दर्शन संग्रहालय का संचालन सुचारु रूप से नहीं हो सका।

भजनलाल सरकार ने गांधी वाटिका न्यास निरसन विधेयक को ध्वनिमत से पारित करा दिया है। उनका कहना है कि गांधी दर्शन संग्रहालय का संचालन अब सरकार करेगी और इसके लिए किसी न्यास की आवश्यकता नहीं है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह विधेयक गांधी के विचारों का अपमान है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह गांधी के विचारों को मानती है या नाथूराम गोडसे के? उन्होंने सुझाव दिया कि विधेयक को जनमत जानने के लिए जनता के पास भेजा जाए ताकि लोग तय कर सकें कि गांधी वाटिका न्यास को जारी रखा जाए या समाप्त किया जाए।

भजनलाल सरकार के इस निर्णय से गांधी दर्शन संग्रहालय के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यह मामला केवल एक संग्रहालय के संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गांधी के विचारों और उनकी धरोहर को लेकर सरकार की नीतियों का भी संकेत है।