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Rajasthan News: राजस्थान में घुमंतू परिवारों को भूमि पट्टे का तोहफा ! 2 अक्टूबर को मिलेगा लाभ

राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले घुमंतू और अर्धघुमंतू परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। राज्य सरकार 2 अक्टूबर को सभी ग्राम पंचायतों में इन परिवारों को रियायती दरों पर भूमि पट्टे प्रदान करेगी। यह कदम राज्य सरकार की सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
 
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Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले घुमंतू और अर्धघुमंतू परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। राज्य सरकार 2 अक्टूबर को सभी ग्राम पंचायतों में इन परिवारों को रियायती दरों पर भूमि पट्टे प्रदान करेगी। यह कदम राज्य सरकार की सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

घुमंतू और अर्धघुमंतू परिवारों को अधिकतम 300 वर्ग गज तक की भूमि रियायती दरों पर दी जाएगी। सभी ग्राम पंचायतों में 5 सितंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद, 7 सितंबर तक आवेदनों का विवरण पंचायतीराज विभाग को भेजा जाएगा। 29 अगस्त तक सभी गांवों में आबादी भूमि चिह्नित की जाएगी। यदि किसी ग्राम पंचायत में आबादी भूमि नहीं है, तो विकास अधिकारी नई आबादी भूमि का प्रस्ताव तैयार करेंगे।

आवेदन प्रक्रिया

5 सितंबर तक: ग्राम पंचायतों में आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि।
6 से 25 सितंबर: सभी ग्राम पंचायतों की बैठक में भूमि आवंटन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
2 अक्टूबर: प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम सभाओं में भूमि पट्टे जारी किए जाएंगे।

भूमि चिह्नन और प्रस्ताव

29 अगस्त तक: सभी गांवों में आबादी भूमि का चिह्नन पूरा होगा।
विकास अधिकारी की जिम्मेदारी: जिन ग्राम पंचायतों में आबादी भूमि नहीं है, वहां नई भूमि का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को सर्कुलर भेजकर ग्राम पंचायतों में आबादी भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। 5 सितंबर तक आवेदन की समयसीमा तय की गई है, और 7 सितंबर तक आवेदनों का विवरण विभाग को भेजा जाएगा।

राजस्थान सरकार की यह योजना घुमंतू और अर्धघुमंतू परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगी। भूमि आवंटन के इस प्रक्रिया से इन परिवारों को स्थायित्व और सुरक्षा मिलेगी, जो उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। इस कदम से राज्य सरकार की सामाजिक समावेशिता की दिशा में की गई पहल को और भी बल मिलेगा।