जींद के सिविल अस्पताल में हुई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा बैठक
जींद में राज्य स्तरीय बेटी बचाओ बेटी-पढ़ाओ अभियान की सलाहकार डॉ. उषा गुप्ता की अध्यक्षता में स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत एक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. गोपाल गोयल, उप सिविल सर्जन पीएनडीटी डॉ. पालेराम, महिला बाल विकास विभाग से जिला कार्यक्रम अधिकारी सलोचना कुंडू और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उषा गुप्ता ने वर्ष 2015 से अभी तक की जिला जींद के लिंगानुपात की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि 2018 से 2023 तक जिला जींद का लिंगानुपात 900 से उपर रहा है लेकिन 2024 में लिंगानुपात में काफी गिरावट आई है। इसमें सुधार होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग पुलिस को आपसी तालमेल बनाकर काम करना होगा।
इसके अलावा सभी विभागों की हर महीने संयुक्त रुप से मीटिंग होनी चाहिए।
महिला बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि आपके विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए निरंतर अभियान चलाना चाहिए। सिविल सर्जन को सभी ब्लाक स्तर व ग्रामीण स्तर पर भी स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की मासिक मीटिंग लिए जाने के निर्देश दिए, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।
ग्राम स्तर तक का लिंगानुपात का रिकॉर्ड तैयार करके उस एरिया की आशा वर्कर व आगंनवाड़ी वर्कर को मोनिटरिंग रिकॉर्ड दिए जाएं। जिला जींद को पीएनडीटी व एमटीपी की छापेमारी अभियान को बढ़ते हुए गैर कानूनी गर्भपात व लिंग जांच के दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाएं। यदि किसी केस में दोषी के खिलाफ पुलिस कार्यवाही में कमी नजर आती है तो इस विषय की पुलिस अधीक्षक को तुरंत सूचना देते हुए इस पर आवश्यक कार्यवाही अमल लाएं।
जिन गांव में लिंगानुपात काफी कम है, वहां पर लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में शामिल करने के लिए सलोग्न प्रतियोगिता या विशिष्ट व्यक्तिओं महिला खिलाड़ियों का भाषण आदि प्रोग्राम का आयोजन करना चाहिए। आरसीएच पोर्टल के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण सुनिश्चित करें तथा इस पोर्टल के माध्यम से रिपोर्ट तैयार करें, जो गर्भवती के पहले कितने लडकियां तथा लड़के हैं, जिससे अधिक लड़कियों वाली गर्भवती महिला को ट्रैक पर रखा जा सके।
आरसीएच पोर्टल के साथ आशा वर्कर के रजिस्टर से भी रिपोर्ट तैयार करें कि जो गर्भवती महिला के पहले कितने लड़कियां तथा लड़के है, जिससे अधिक लड़कियों वाली गर्भवती महिला को ट्रैक रखा जा सके। शिक्षा विभाग के अधिकारी को भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में शामिल करें।
स्कूल स्तर पर भाषण, ड्राइंग आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए, जिससे इस स्तर के बच्चे समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसे बुराइयों को समझ सके तथा अपने घर से ले कर आस पास वो स्वयं भी समाज को, परिवार को शिक्षित करने का कार्य कर सकें। लिंगानुपात में जन्म-मृत्यु पंजीकरण एक विशेष महत्व रखता है, यदि जन्म-मृत्यु पंजीकरण में खामियां है तो पूरे जिले का लिंगानुपात गिर जाता है।
अधिकारी द्वारा बताया गया कि सरकारी अस्पताल में जन्म-मृत्यु का कार्य लगभग 100 प्रतिशत है, प्राइवेट अस्पताल में होने वाले जन्म-मृत्यु का पंजीकरण में सुधार की आवश्यकता है। अत: प्रत्येक माह मीटिंग में जिला नगर निगम से सम्बन्धित कर्मचारी को शामिल करें ताकि प्राइवेट अस्पताल में जन्म-मृत्यु का कार्य भी 100 प्रतिशत किया जा सके।
पीएनडीटी के तहत पंजीकरण संस्थाओं पर पीएनडीटी के नियमों का पालन हो रहा है, इसके बारे में उनका समय पर निरीक्षण करें तथा यह भी सुनिश्चित करें कि कोई ऐसा संस्थान तो नहीं है जिसका पंजीकरण नहीं है और वह फिर भी पीएनडीटी के तहत आने वाली मशीनों को रखे हुए है या उनका इस्तमाल कर रहा है।
एमटीपी संस्थाओं की रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए निर्देश दिए कि जो महिलाएं पंजीकृत केन्द्रों पर गर्भपात हेतु आती हैं, उनकी हिस्टरी जानने का प्रयास करें कि उनके पहले कितने बच्चे हैं तथा क्या उस महिला द्वारा कहीं और से भी गर्भपात हेतु दवाई खायी है।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. गोपाल गोयल व नोडल अधिकारी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिंगानुपात बढ़ाए जाने के लिए उठाये गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें गत मई माह में दो सफल छापामार कार्रवाई व अन्य छापेमारी के बारे में बताया गया तथा आईईसी एक्टिविटी, गणतंत्र दिवस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की झांकी, चार अल्ट्रासाउंड सेंटर का सस्पेंशन व अल्ट्रासाउंड सेंटर व सरकारी संस्थाओं को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस आदि की जानकारी दी गई। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में लगाई प्रेरक सेल्फी पॉइंट के बारे में बताया गया।