सर्व खाप पंचायत ने लीव इन रिलेशनशिप कानूनों को रद्द करने हेतु की मांग
सर्वखाप पंचायत मंच के महासचिव गुरविंदर सिंह संधू ने असमाजिक कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग की है। इन कानूनों में लीव इन रिलेशनशिप है। इस कानून पर किसी भी सभ्य व्यक्ति को शर्म आती है। इस कानून का बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है। सरकार एक तरफ हिंदू का धर्म का प्रचार करती है व विश्वगुरु की बातें करती हैं।
दूसरी और समाज को विकृत करने के लिए गंदा कानून बनाती हैं। इसे समाज में विषमता बढ़ रही है। मंच के प्रवक्ता उम्मेद सिंह जांगलान, सुरेश प्रधान नौगाम खाप, बसाऊ राम लाठर प्रधान जुलाना खाप पंचायत ने कहा कि लव मैरिज पर सरकार विरोध में नही है लेकिन इसमें मां-बाप की गवाही अनिवार्य कीजानी चाहिए। 18 साल तक मां-बाप पालन पोषण करता है और बेटी आधार कार्ड लेकर नादानी हरकत कर के मां बाप को कलंकित करके किसी के साथ चली जाती है तो निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि सरकार इन कानूनों के अलावा तीसरा कानून भी पारित करने जा रही है जिसमें लड़की की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का प्रस्ताव है। यह भी सही नही है। खाप पंचायत इन कानूनों का कड़ा विरोध करती है। खापों का मानना है कि इस में अकेली सरकार ही दोषी नही है, विपक्ष भी बराबर का दोषी है। जो चुप रह कर इन कानूनों को स्वीकार कर रहा है।
प्रवक्ता समुंद्र सिंह ने कहा कि सर्वखाप पंचायत मंच मांग करता है कि आने वाले इस संसद सत्र में इन कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव रखा जाए। यदि सरकार ये प्रस्ताव नहीं लाती तो विपक्षी दलों ने समाजहित इन बिलों को संसद में रखना चाहिए। अन्यथा खाप पंचायतें कोई मीटिंग बुला कर सख्त कदम उठाने पर मजबूर होंगी।