बहादुरगढ़ के शौर्य ने यूपीएससी में 14वीं रैंक हासिल कर प्रदेश में रहे प्रथम, पिता का अधूरा सपना किया पूरा
बहादुरगढ़ : हरियाणा प्रदेश के बहादुरगढ़ शहर के रहने वाले शौर्य ने यूपीएससी की परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल कर परिवार के साथ-साथ संपूर्ण बहादुरगढ़ क्षेत्र का देश में नाम रोशन कर दिया। शौर्य प्रदेश में एकमात्र ऐसे युवा है, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल कर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में शौर्य अरोड़ा ने 14वीं रैंक हासिल कर हरियाणा का मान संपूर्ण देश में बढ़ाया है।
शौर्य वर्तमान में 24 वर्ष के हूए हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि सूर्य के पिता का भी सपना था कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर एक आईएएस अधिकारी बने। लेकिन उनकी कड़ी मेहनत के बावजूद उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। आज उनके बेटे शौर्य ने यूपीएससी की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर उनका अधूरा सपना पूरा कर दिया। शौर्य के पिता के मन में आईएएस न बन पाने की कसक ने ही शौर्य को सिविल सेवा के प्रति प्रेरित किया और उन्होंने पिता का सपना पूरा करने के लिए दिन-रात मेहतन कर आज यह सफलता हासिल की। सूर्य के पिता बताते हैं कि आज उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है और मन में जो कसक थी वह भी पूरी हो गई है।
शौर्य अरोड़ा बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 के निवासी हैं। आज की अपनी इस सफलता पर बताते हुए शौर्य ने कहा कि उनके पिता भूषण अरोड़ा ने भी संघ लोक सेवा आयोग दोबारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा चार बार परीक्षा दी थी और दिन-रात मेहनत की थी। लेकिन उनके पिता को यूपीएससी की किसी भी परीक्षा में सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का फैसला किया और अपने पिता के सपने को पूरा करने की जिद ठानी।
आज दिन-रात मेहनत करने के बाद मैंने इस परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है। शौर्य की इस कामयाबी पर उनके पिता भूषण अरोड़ा, मां आरती अरोड़ा, दादा इंद्रजीत लाल व दादी शांति देवी पौते की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं और अपने बेटे की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं।
शौर्य ने बगैर कोचिंग लिए की सफलता हासिल
हरियाणा प्रदेश में यूपीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले शोर्य बताते हैं कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के आज यूपीएससी की परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। शौर्य अरोड़ा ने दसवीं कक्षा और 12वीं कक्षा की पढ़ाई बाला विद्या मंदिर स्कूल चेन्नई से ग्रहण की। अगर अंक प्रतिशत की बात करें तो शौर्य ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में 98.3% अंक प्राप्त किए।
उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा आईआईटी मुंबई से बीटेक करके की। उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा 2022-23 में दी थी लेकिन इस परीक्षा में उन्हें सफलता हासिल नहीं लगी। लेकिन अपने दूसरे प्रयास में शौर्य ने सफलता के झंडा गाढ़ दिए। शौर्य बताते हैं कि आज जो सफलता मिली है उसके लिए उन्होंने कभी किसी से कोचिंग नहीं ली।
बल्कि सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हुए प्रतिदिन 7 से 8 घंटे कड़ी मेहनत कर तैयारी की। उन्होंने इस परीक्षा में फिजिक्स विषय को ऑप्शनल चुना।
सूर्य के परिवार की बात करें तो उनकी बहन मुंबई आईआईटी में है। इनके पिता भूषण अरोड़ा और मां आरती अरोड़ा पूर्व में आईटी सेक्टर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रह चुके हैं। फिलहाल इनके माता-पिता दोनों घर पर रहकर समाज सेवा करते हैं और दादा इंद्रजीत लाल दिल्ली में सरकारी अध्यापक रह चुके हैं। शौर्य की दादी हरियाणा में गवर्नमेंट टीचर के पद से सेवानिवृत हो चुकी हैं।