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Jind News: जींद शहर के जयंती देवी मंदिर में श्री शिव पुराण कथा ज्ञान यज्ञ का किया आयोजन

Jind News: जींद शहर के जयंती देवी मंदिर में श्री शिव पुराण कथा ज्ञान यज्ञ का किया आयोजन
 
 देवी मंदिर में श्री शिव पुराण कथा ज्ञान यज्ञ

Jind News: जींद शहर के मध्य स्थिति ऐतिहासिक एवं पौराणिक जयंती देवी मंदिर प्रांगण में श्री शिव पुराण कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन को लेकर शहर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा संतोषी माता मंदिर से शुरू हुई और जयंती देवी मंदिर में संपन्न हुई। कलश यात्रा के दौरान श्रद्धलु महिलाओं ने सिर पर कलश रख कर शहर की परिक्रमा की और मां जयंती का गुणगान किया। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि आगामी 18 अगस्त तक कथा का आयोजन होगा। कथा के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन होगा। बालयोगिनी विभानंद सरस्वती कथा का प्रवाह करेंगी। 


जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि शिव महापुराण में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, अवतारों, रहस्य, महिमा और उपासना के बारे में बताया गया है। शिव पुराण में पूजा पद्धति, ज्ञानख् शिक्षा से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें भी बताई गई हैं। ऐसा माना जाता है कि शिव महापुराण की कथा में साक्षात शिव और पार्वती स्वयं यजमान बनकर कथा सुनने आते हैं। श्री शिव पुराण कथा सुनने मात्र से सभी कष्ट, बाधाएं दूर हो जाती हैं।


बालयोगिनी विभानंद सरस्वती ने श्रद्धालुओं को श्री शिव पुराण कथा का वर्णन सुनाते हुए कहा कि शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। इसमें बताया गया है कि जीवन साथी और अपने गुरु पर विश्वास और श्रद्धा होनी जरूरी है। साथ ही बिन बुलाए मेहमान के घर जाना या बिना परिवार की आज्ञा से कहीं जाना शुभ नहीं होता है। शिव पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति बुद्धि भ्रष्ट होकर परस्त्रीगामी हो जाता है, उसे घोर नरक जाना पड़ता है। 

शिव पुराण की कथा से साधकों को मिलता शिवलोक में स्थान

उन्होंने कहा कि शिव पुराण की कथा से संतानहीन लोगों को संतान मिलती है और गंभीर रोगों से भी समस्त परिवार को मुक्ति मिलती है। साथ ही शिव पुराण के श्रवण करने वाले साधकों को शिवलोक में स्थान मिलता है। शिव पुराण में भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों और ज्योर्तिलिंगों के महत्व का वर्णन किया गया है। शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान शिव की भक्ति उनकी गाथाओं का श्रवण करना चाहिए ताकि हमारा मानस जन्म सुखमय बन सके।