Dhanbad Six line highway: धनबाद में बनेगा सिक्स लाइन रोड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व मुंबई को होगा फायदा, जानें
Dhanbad Six line highway Update: देश के धनबाद में सिक्स लाइन रोड बनने जा रहा है जिससे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व मुंबई को फायदा होगा। आपको बता दें कि तीन दशक पहले जर्जर जीटी रोड सिर्फ सात मीटर चौड़ा था, इसके कारण धनबाद (झारखंड) से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व मुंबई तक माल ढुलाई के लिए रेलवे ही बेहतर माध्यम रहा। इस रोड को करीब 15 साल पहले चार लेन किया गया। वर्ष 2011 में इसी सड़क को 6 लेन में परिवर्तित करने के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना को स्वीकृति मिली।
वाराणसी के राजातालाब से औरंगाबाद होते हुए चोरदहा (हजारी बाग) तक 13 साल से सिक्स लेन कार्य चल रहा है, जो तीन महीने बाद पूरा हो जाएगा। परियोजना जून तक पूर्ण होगी, इससे माल ढुलाई में काफी सहूलियत होगी। स्वीकृति के वक्त 192 किमी सड़क निर्माण के लिए 2848 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। 2014 तक कार्य नहीं हो सका, क्योंकि भूमि अधिग्रहण में गतिरोध उत्पन्न हो गया।
वर्ष 2015 के बाद केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को रफ्तार दी तो लागत 4100 करोड़ हो गई। मौजूदा समय में करीब 151 किमी कार्य हो चुका है, 80 प्रतिशत प्रगति आई है। यूपी के हिस्से बनारस और चंदौली में 57 किलोमीटर सड़क को चालू कर दिया गया है। अब दो किमी गंगा पुल को अप्रोच मार्ग से जोड़ा जा रहा है।
केंद्र सरकार ने दो साल पहले औरंगाबाद से चोरदहा तक करीब 900 करोड़ से 70 किमी सड़क निर्माण के लिए दूसरा पैकेज स्वीकृत किया है, यह कार्य भी 45 फीसद हो चुका है। यह सड़क बनने के बाद बनारस, चंदौली, रोहतास, गया, कैमूर, औरंगाबाद व हजारी बाग को सीधा फायदा पहुंचेगा।
इस रोड की स्पेन की रोडिस कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी मिली है, यह कंपनी चार सब कांट्रैक्टर की मदद से परियोजना पूर्ण करने में लगी है। वाराणसी-औरंगाबाद का पुराना नाम जीटी रोड एनएच-2 है, लेकिन इसे वर्तमान में एनएच-19 कर दिया गया है। हालांकि बिहार में पटना-गया-डोभी सड़क बनने के बाद लोगों को पटना से वाराणसी जाने का एक वैकल्पिक मार्ग वाराणसी-औरंगाबाद से होकर मिल सकेगा।
पहले माल ढुलाई वाले वाहनों को बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन अब आर्थिक गलियारे के रूप में जीटी रोड को विकसित किया गया है। कई प्रांतों को यह सड़क जोड़ेगी, इससे कारोबार को समृद्धि मिलेगी।
-अश्वनी राय, परियोजना निदेशक, सासाराम, एनएचएआई।