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हरियाणा के पीजीटी अध्यापकों का लेक्चरर पदनाम का सपना होगा साकार, पिछले 10 सालों से नहीं मिला लेक्चरर पदनाम 

हरियाणा के पीजीटी अध्यापकों का लेक्चरर पदनाम का सपना होगा साकार, पिछले 10 सालों से नहीं मिला लेक्चरर पदनाम 
 
पीजीटी अध्यापकों का लेक्चरर पदनाम

हरियाणा प्रदेश के अंदर हजारों की संख्या में पीजीटी अध्यापकों  पिछले 10 सालों से लेक्चरर पदनाम का इंतजार कर रहे हैं। इन अध्यापकों को अभी तक लेक्चरर का पदनाम नहीं मिल पाया है। आपको बता दें कि प्रदेश में लगभग 41000 पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) को लगभग 10 सालों से लैक्चरर का पदनाम नहीं मिल पाया है, जबकि इस संबंध में शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक सैकेंडरी ने सितंबर 2014 में पत्र भी जारी किया था।

जिसमें पीजीटी का पदनाम लैक्चरर करने बारे कहा गया था। अब प्रदेश में नया मुख्यमंत्री बनने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि गत अध्यापकों का लेक्चर पदनाम का सपना साकार हो सकता है। आपको बता दें कि इस संबंध में सेकेंडरी एजुकेशन के तत्कालीन निदेशक ने कहा था कि अधिसूचना अलग से जारी कर दी जाएगी।

बावजूद इसके आज तक पीजीटी को लैक्चरर का पदनाम नहीं दिया गया। जिसे लेकर शिक्षा विभाग के सबसे बड़े पीजीटी कैडर में नारागजगी का माहौल है। हैरानी की बात यह है कि इस पदनाम से संबंधित पत्र जारी करवाने में एसोसिएशन का अहम रोल था। जिसकी चर्चा तत्कालीन निदेशक ने पत्र में भी की थी।

जिले वाइज पीजीटी के इतने पद हैं स्वीकृत

अगर प्रदेश के अंदर जिले वाइज पीजीटी के स्वीकृत पदों की बात करें तो प्रदेश के अंबाला में 1514, भिवानी में 1987, चरखी दादरी में 871, फरीदाबाद में 1811, फतेहाबाद 1739, गुरुग्राम 2239, हिसार में 2526, झज्जर में 1555, जींद में 1991, कैथल में 1872, करनाल में 2178, कुरुखेत्र में 1569, महेंद्रगढ़ में 1529, नूह मेवात में 1764, पलवल में 1258, पंचकूला में 1088, पानीपत में 1599, रेवाड़ी में 1444, रोहतक में 1505, सिरसा में 2341, सोनीपत में 2026 और यमुनानगर में 1503 पीजीटी के स्वीकृत पद हैं।