हरियाणा प्रदेश के इस गांव के ग्रामीणों ने मतदान का किया पूर्ण रूप से बहिष्कार, मतदान केंद्र में नहीं पड़ा एक भी वोट
haryana news:हरियाणा प्रदेश के जींद जिले के उचाना तहसील के अंदर आने वाले गांव सुंदरपुरा के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है। संपूर्ण गांव में लोकसभा चुनाव के दौरान आज हो रहे मतदान हेतु एक भी वोट नहीं डाला गया। सुंदरपुरा ग्राम पंचायत ने आज मतदान के दौरान लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है।
ताजा खबर के अनुसार इस गांव में कुल 1610 वोटर हैं। जिनमें से अभी तक एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला है। सुंदरपुर गांव जींद जिले के नरवाना हल्के की तहसील उचाना और सिरसा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है
जींद जिले के सुंदरपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हमारी मांग है कि हमारा गांव उचाना तहसील की बजाए नरवाना में तहसील में शामिल किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आज लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है।
अब तक एक भी मतदाता ने नही किया मत का प्रयोग
ताजा जानकारी के अनुसार गांव के कुल 1610 वोटों में से अब तक एक भी व्यक्ति ने अपना वोट नहीं डाला है । गांव वालों का कहना है कि गांव की फर्द खेवट को अलग-अलग करने के बाद ही ग्रामीण मतदान करेंगे।
सुंदरपुर गांव में मतदान हेतु बनाए गए थे दो मतदान केंद्र
आज जींद जिले के नरवाना हल्के के गांव सुंदरपूरा में चुनाव अधिकारियों द्वारा मतदान करवाने के लिए 2 बूथ बनाए गए थे। जिनमें कुल 1610 मतदाताओं द्वारा मतदान किया जाना था। मतदान करवाने के लिए आई पोलिंग पार्टी मतदाता का इंतजार कर रही है मगर अब तक कोई भी मतदाता मतदान केंद्र के अंदर जाने का नाम नहीं ले रहा है।
संपूर्ण गांव के लोग मतदान केंद्र के बाहर बैठे है। वही ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार करने के बाद प्रशासन सुबह से मुस्तेद है।
ग्रामीणों में बताया कि हम अपनी तीनो मांगों को लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके है लेकिन समस्याएं ज्यों कि त्यों बनी हुई है।
जबकि हमारे गांव से उचाना तहसील लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां से कोई भी बस या दूसरे साधन नहीं जाते हैं। जिससे ग्रामीणों को अपनी परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। वहीं हमारे गांव से नरवाना तहसील की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है।
उन्होंने बताया कि पहले हमारा गांव नरवाना तहसील में होता था। लेकिन 2017 में प्रशासन द्वारा सुंदरपुरा गांव को नरवाना से उचाना तहसील में कर दिया गया था ।
गांव के लोगो ने साफ तौर पर ऐलान किया कि विधानसभा चुनाव तक मांगे नही मानी तो ग्रामीण विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार करने के बाद आज सुबह से ही प्रशासन लोगों को समझाने में लगा हुआ है। लेकिन इस गांव के ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान न करने का कठोर संकल्प उठा रखा है।