राजस्थान के इन 4302 गांवों में विकास को लगेंगे चार चाँद ! जानें राजस्थान सरकार की क्या है योजना
Rajasthan News: राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक वनाधिकार पट्टों के माध्यम से विकास कार्यों की गति तेज की जा रही है। गोविन्द गुरू जनजाति क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत इन पट्टों के आधार पर विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा रही है। राज्य सरकार ने जनजातीय विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है, जिससे जनजातीय परिवारों को लाभान्वित किया जा सके।
राजस्थान विधानसभा में जनजातीय विकास विभाग की अनुदान मांग पर बहस के बाद 3 खरब 14 अरब 43 करोड़ 85 लाख 60 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं। मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बताया कि पिछली सरकार ने जनजातीय विकास से संबंधित 49 घोषणाएं की थीं, जिनमें से 36 पूरी हो पाईं। अब केंद्र सरकार द्वारा भी जनजातीय वर्ग के लिए कई नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत राजस्थान के जनजातीय बाहुल्य 4302 गांवों का चरणबद्ध रूप से विकास किया जा रहा है। पहले दो चरणों में 1566 गांवों को चुना गया है और उनके सर्वांगीण विकास के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। अब तक लगभग 9000 कार्यों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। राजस्थान के 9 जिलों में 474 वन धन केंद्रों के माध्यम से लगभग 1 लाख 45 हजार सदस्यों को लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही, छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों में रह रहे विद्यार्थियों के मैस भत्ते में वृद्धि की गई है
बजट में 17 एकलव्य आदर्श विद्यालयों के उन्नयन और रखरखाव के लिए 77 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। साथ ही, शेरगढ़ (जोधपुर), मेर-मंडवाड़ा (सिरोही), भटेश्वर-पिण्डवाड़ा (सिरोही) और पोषाणा (जालोर) में नए अनुसूचित जनजाति छात्रावास खोले जाएंगे।
बजट में 250 नए मां-बाड़ी केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई है और शिक्षा सहयोगियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। मां-बाड़ी केंद्रों और डे-केयर सेंटरों में शिक्षा सहयोगी और महिला सहयोगिनी के चयन और हटाने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया जाएगा। राज्य सरकार ने महापुरुषों और महानायकों को उचित सम्मान देने का संकल्प लिया है। बजट में डूंगर बरंडा और बांसिया चारपोटा के स्मारक बनाने और वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय (उदयपुर) का निर्माण करने की घोषणा की गई है।
राजस्थान में जनजातीय विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से न केवल जनजातीय समुदाय का सशक्तिकरण होगा, बल्कि उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।