UP NEWS: यूपी मैं इन लोगो को मिल सकती है बड़ी सौगात, मनोदय देने की तैयारी कर रही है सरकार, जानें
UP PORTAL: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, मंदिरों और मठों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक नया पोर्टल स्थापित करेगी।
Updated: Jul 8, 2024, 16:46 IST
UP NEWS: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, मंदिरों और मठों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक नया पोर्टल स्थापित करेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के पुजारियों और संतों को मानदेय भी दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्थाओं का नए सिरे से अध्ययन करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।
पिछले सोमवार (1 जुलाई) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष धर्मार्थ कार्य निदेशालय द्वारा विभिन्न योजनाओं पर एक प्रस्तुति दी गई थी इस दौरान एक नए पोर्टल के निर्माण पर चर्चा की गई। इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पहले प्रामाणिक जानकारी एकत्र की जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने साधु-संतों और पुजारियों के लिए मानदेय की नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में संतों को मानदेय देने के लिए बोर्ड बनाने पर भी मंथन हुआ। इसके अलावा, सिख धर्म और बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिरों के दर्शन के लिए अनुदान देने पर भी चर्चा की गई। इसके लिए सरकार ने एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मंदिरों के जीर्णोद्धार पर भी चर्चा हुई।
प्रयागराज में सबसे अधिक पूजा स्थल हैं, जबकि गोरखपुर में सबसे कम हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 3.5 लाख पूजा स्थल हैं। 3,54,421 पूजा स्थलों में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में 59022 और ग्रामीण क्षेत्रों में 29,5399 पूजा स्थल हैं। राज्य में सबसे अधिक पूजा स्थल प्रयागराज जिले में हैं, जहां 2011 की जनगणना में इनकी संख्या 12390 थी।
इस जनगणना के अनुसार जौनपुर में 9340, रायबरेली में 9301, आजमगढ़ में 7902, सीतापुर में 7737, प्रतापगढ़ में 7872, गाजीपुर में 7250, आगरा में 7030 और गोरखपुर में 7017 पूजा स्थल हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, गोरखपुर में सबसे कम पूजा स्थल हैं।
पिछले सोमवार (1 जुलाई) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष धर्मार्थ कार्य निदेशालय द्वारा विभिन्न योजनाओं पर एक प्रस्तुति दी गई थी इस दौरान एक नए पोर्टल के निर्माण पर चर्चा की गई। इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पहले प्रामाणिक जानकारी एकत्र की जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने साधु-संतों और पुजारियों के लिए मानदेय की नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में संतों को मानदेय देने के लिए बोर्ड बनाने पर भी मंथन हुआ। इसके अलावा, सिख धर्म और बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिरों के दर्शन के लिए अनुदान देने पर भी चर्चा की गई। इसके लिए सरकार ने एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मंदिरों के जीर्णोद्धार पर भी चर्चा हुई।
प्रयागराज में सबसे अधिक पूजा स्थल हैं, जबकि गोरखपुर में सबसे कम हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 3.5 लाख पूजा स्थल हैं। 3,54,421 पूजा स्थलों में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में 59022 और ग्रामीण क्षेत्रों में 29,5399 पूजा स्थल हैं। राज्य में सबसे अधिक पूजा स्थल प्रयागराज जिले में हैं, जहां 2011 की जनगणना में इनकी संख्या 12390 थी।
इस जनगणना के अनुसार जौनपुर में 9340, रायबरेली में 9301, आजमगढ़ में 7902, सीतापुर में 7737, प्रतापगढ़ में 7872, गाजीपुर में 7250, आगरा में 7030 और गोरखपुर में 7017 पूजा स्थल हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, गोरखपुर में सबसे कम पूजा स्थल हैं।