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वाराणसी को मिली सिग्नेचर ब्रिज की सौगात, 100 करोड़ रुपये की आएगी लागत  

केंद्र सरकार ने वाराणसी को एक और महत्वपूर्ण सौगात दी है। गंगा नदी पर 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज, शहर के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इस परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।
 
Signature Bridge

Signature Bridge: केंद्र सरकार ने वाराणसी को एक और महत्वपूर्ण सौगात दी है। गंगा नदी पर 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज, शहर के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इस परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।

वाराणसी में बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज, पटना के बाद देश का दूसरा ऐसा पुल होगा जो सिक्स लेन सड़क और चार रेलवे ट्रैक से सुसज्जित होगा। यह पुल वाराणसी से चंदौली, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक की राह को सुगम बनाएगा।

सिग्नेचर ब्रिज के साथ ही, इस परियोजना में काशी स्टेशन का पुनर्विकास भी शामिल है। इस काम के लिए 300 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। काशी स्टेशन के पुनर्विकास के बाद यह स्टेशन और भी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिससे यात्रियों की यात्रा और भी आरामदायक बनेगी।

मौजूदा मालवीय पुल, जो 1887 में अंग्रेजी हुकूमत में बना था, वाराणसी की जीवनरेखा है। इसमें दो रेलवे ट्रैक और चार लेन की सड़क है, लेकिन इसकी गति सीमित है। वहीं, नया सिग्नेचर ब्रिज मौजूदा पुल से दोगुना चौड़ा होगा और इस पर एक समय में ज्यादा वाहन और ट्रेनें गुजर सकेंगी।

वाराणसी का सिग्नेचर ब्रिज शहर के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पुल न केवल वाराणसी को अन्य शहरों से जोड़ेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।